बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय उद्योग को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों और कार्यक्रमों में प्लास्टिक पानी की बोतलों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. अब इनकी जगह पर्यावरण-फ्रेंडली विकल्पों का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा. सरकार का यह कदम न केवल प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने में मदद करेगा बल्कि राज्य के स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा देगा.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि पहले भी प्लास्टिक बोतलों के उपयोग को सीमित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इस बार इसे पूरी सख्ती के साथ लागू किया जाएगा. यह आदेश 28 अक्टूबर को जारी किया गया था और शुक्रवार को मीडिया के सामने सार्वजनिक किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी दफ्तरों, बैठकों और कार्यक्रमों में अब प्लास्टिक बोतलों की जगह स्टील, ग्लास या अन्य पर्यावरण-फ्रेंडली सामग्री से बनी बोतलों का प्रयोग किया जाएगा.
सिद्धारमैया ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसी भी सरकारी आयोजन में प्लास्टिक बोतलों का उपयोग न हो. उन्होंने कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं है, बल्कि पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में उठाया गया जिम्मेदार कदम है.
इसके साथ ही सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि सभी सरकारी बैठकों और आयोजनों में अब नंदिनी डेयरी के उत्पादों का उपयोग अनिवार्य होगा. नंदिनी, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन द्वारा संचालित राज्य की प्रमुख डेयरी ब्रांड है और इसे राज्य के गौरव का प्रतीक माना जाता है. अब सचिवालय, सरकारी बैठकों और सम्मेलनों में परोसी जाने वाली चाय, कॉफी और दूध नंदिनी ब्रांड के ही होंगे.
सरकार का मानना है कि इस फैसले से दोहरे लाभ मिलेंगे. एक ओर प्लास्टिक कचरे में भारी कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय डेयरी उत्पादों की बिक्री और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला 'पर्यावरण की रक्षा और आत्मनिर्भर कर्नाटक' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो और हर कार्यक्रम में इसका पालन किया जाए.