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'सेल्फी के बहाने मौत की साजिश!' दो महीने की दुल्हन ने पति को नदी में धकेला, फिर ऐसे बची जान

इस दंपति की शादी को केवल दो महीने ही हुए थे. पति, जो अपनी पत्नी को उसके मायके से वापस लेने गया था, वापसी में उसपर ऐसा विश्वास था कि वह बिना किसी शक के गुरजापुर बैराज पुल पर रुक गया. पत्नी ने कहा कि उसे सेल्फी लेनी है, पति तैयार हो गया.

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Edited By: Reepu Kumari
Newly married wife pushing husband into river
Courtesy: X

शादी के बाद की पहली कुछ महीने आमतौर पर प्यार, अपनापन और साथ बिताए पलों से भरे होते हैं. लेकिन कर्नाटक में एक नवविवाहित जोड़े की कहानी कुछ अलग ही मोड़ ले गई. जहां एक पति अपनी पत्नी को मायके से वापस ला रहा था, वहीं उसे क्या पता था कि रास्ते में मौत उसका इंतजार कर रही है और वो भी अपनी पत्नी के हाथों. कर्नाटक के यादगिरी जिले के गुरजापुर बैराज पुल पर यह हैरान करने वाली घटना सामने आई है. सेल्फी लेने के बहाने पत्नी ने अपने ही पति को नदी में धक्का दे दिया.

लेकिन किस्मत ने साथ दिया और आसपास मौजूद राहगीरों ने तुरंत रेस्क्यू कर लिया. इस पूरी घटना ने सबको चौंका दिया है और सवाल उठाए हैं क्या वाकई ये सिर्फ एक हादसा था?

शादी के दो महीने में ही रिश्तों का अंत?

इस दंपति की शादी को केवल दो महीने ही हुए थे. पति, जो अपनी पत्नी को उसके मायके से वापस लेने गया था, वापसी में उसपर ऐसा विश्वास था कि वह बिना किसी शक के गुरजापुर बैराज पुल पर रुक गया. पत्नी ने कहा कि उसे सेल्फी लेनी है, पति तैयार हो गया. लेकिन जैसे ही दोनों पुल के किनारे पहुंचे, पत्नी ने अचानक धक्का दे दिया.

पति नदी में गिर गया, लेकिन सौभाग्य से कुछ लोग उस वक्त पुल से गुजर रहे थे. उन्होंने शोर मचाया और तुरंत मिलकर उसे बाहर निकाला. वरना एक और मासूम जान सिर्फ विश्वास की कीमत चुका देता.

हादसा या सोची-समझी साजिश?

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ये महज एक हादसा था या पहले से प्लान की गई साजिश? पुलिस को पति के बयान में काफी संदेहजनक बातें मिली हैं. पत्नी का व्यवहार, सेल्फी लेने का अचानक आग्रह और धक्का देने का समय-सबकुछ संकेत देता है कि मामला सिर्फ फोटो लेने का नहीं था.

पुलिस ने पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. सोशल मीडिया पर लोग हैरानी जता रहे हैं कि कोई इतना बड़ा कदम इतनी जल्दी कैसे उठा सकता है.

लोगों की सतर्कता ने बचाई जान

अगर मौके पर राहगीर न होते, तो शायद यह कहानी किसी और अंदाज में सामने आती. लेकिन वहां मौजूद लोगों की सतर्कता और तुरंत रिएक्शन ने एक जिंदगी को बचा लिया. यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि किसी भी अनहोनी के समय, आसपास के लोगों की भूमिका कितनी अहम होती है. अब यह केस कानूनी प्रक्रिया से गुजरेगा, लेकिन यह घटना रिश्तों और भरोसे की नई परिभाषा गढ़ रही है.