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हम्पी रेप केस के बाद गहरे सदमे में महिला बोलीं 'मैं बेहद डरी हुई हूं...'; इजराइल वापस लौटीं

हम्पी में एक इजराइली पर्यटक पर हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था और गश्त बढ़ा दी गई है. इस घटना से पर्यटकों में डर फैल गया है, जिससे स्थानीय पर्यटन पर बड़ा असर पड़ा है.

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Anvi Shukla

Hampi Rape Murder: कर्नाटक के कोप्पल जिले के हंपी में 27 वर्षीय इजरायली पर्यटक पर हुए चौंकाने वाले हमले के बाद, पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है. यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हंपी के पास, सनापुर में तुंगभद्रा नहर के पास गुरुवार रात को यह हमला हुआ था. पीड़िता अपने एक होमस्टे मालिक, एक अमेरिकी पर्यटक और दो भारतीय पर्यटकों के साथ बैठकर तारे देख रही थी, जब यह घटना घटी.

हमले के चार दिन बाद, दो पीड़ितों में से एक 27 वर्षीय इजरायली पर्यटक सोमवार को अपने देश लौट गई. स्थानीय पुलिस द्वारा उसे बेंगलुरु तक पहुंचाया गया, जहां से उसने अपने देश के लिए उड़ान भरी. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, वह 'गहरी सदमे' में थी और जल्द से जल्द घर वापस जाना चाहती थी. पुलिस ने सभी तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है.

कर्नाटक टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अनुसार

इस हमले ने विदेशी और घरेलू पर्यटकों के बीच दहशत पैदा कर दी है, जिससे कई लोगों ने बुकिंग रद्द कर दी हैं और क्षेत्र छोड़ दिया है. कर्नाटक टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अनुसार, 'हर साल, एक लाख से अधिक विदेशी पर्यटक हंपी और आसपास के क्षेत्रों में आते हैं.' हमले के बाद, लगभग 50% आगंतुकों, जिनमें से कई इजरायली थे, ने होमस्टे खाली कर दिए और क्षेत्र छोड़ दिया. जो लोग रुकने का फैसला कर रहे हैं, उन्हें समूहों में घूमने और अकेले, विशेष रूप से रात में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है.

सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है

अधिकारियों ने पर्यटकों के बीच विश्वास बहाल करने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है. पुलिस ने रात की गश्त बढ़ा दी है, वाहन जांच के लिए बैरिकेड्स लगाए हैं, और होमस्टे और रिसॉर्ट मालिकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है. कोप्पल के पुलिस अधीक्षक राम एल अरसिद्दी ने कहा कि राजमार्ग गश्ती वाहनों को दोगुना कर दिया गया है, और आनेगुंडी और सनापुर में रात के दौरों के लिए एक इंस्पेक्टर-स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया गया है. 'हमने रविवार को सभी होमस्टे और रिसॉर्ट मालिकों के साथ बैठकें आयोजित कीं. हमने उन्हें अपने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है,' अरसिद्दी ने कहा. यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पीड़िता की गोपनीयता बनाए रखने के लिए उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है.