कर्नाटक में इन मरीजों से एडवांस फीस मांगी तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना, सरकार ने जारी किए सख्त आदेश
कर्नाटक सरकार ने आदेश दिया है कि राज्य के सभी अस्पताल और डॉक्टर किसी भी हादसे के शिकार मरीज का तुरंत इलाज करेंगे. सड़क दुर्घटना, जलने, जहर खाने या आपराधिक हमले जैसी स्थिति में भी मरीज से इलाज से पहले पैसे मांगना गैरकानूनी होगा. नियम तोड़ने पर कार्रवाई होगी.
Karnataka News: कर्नाटक सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य के सभी अस्पताल और डॉक्टर अब किसी भी हादसे के शिकार मरीज को तुरंत इलाज देने के लिए बाध्य हैं. चाहे सड़क हादसा हो, जलने की घटना, जहर खाने का मामला या फिर आपराधिक हमला. हर स्थिति में मरीज का तुरंत इलाज होगा. इलाज से पहले पैसे की मांग करना पूरी तरह से गैरकानूनी है.
सरकार ने बुधवार को जारी सर्कुलर में कहा कि कई बार अस्पताल मरीज को एडवांस पैसे दिए बिना भर्ती नहीं करते, जिससे घायल को बचाना मुश्किल हो जाता है. अब अगर कोई अस्पताल ऐसा करता है तो उस पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. सर्कुलर में कहा गया है कि कर्नाटक प्राइवेट मेडिकल एस्टेबलिशमेंट्स एक्ट, 2007 और गुड समैरिटन एंड मेडिकल प्रोफेशनल एक्ट, 2016 के तहत हर अस्पताल को मुफ्त प्राथमिक इलाज और स्क्रीनिंग देनी होगी.
तीन महीने की जेल या जुर्माना
अगर अस्पताल में आगे का इलाज संभव नहीं है तो मरीज को दूसरे अस्पताल भेजने से पहले उसकी स्थिति को स्थिर करना और पूरा मेडिकल रिकॉर्ड साथ देना अनिवार्य है. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 के तहत अगर कोई अस्पताल या डॉक्टर इन नियमों का पालन नहीं करता तो उसे तीन महीने की जेल या 500/- रुपये तक का जुर्माना हो सकता है . बार-बार गलती करने पर सजा और कड़ी होगी.
सात दिन तक कैशलेस इलाज
इतना ही नहीं , कर्नाटक सरकार ने नई कैशलेस ट्रीटमेंट ऑफ रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स स्कीम, 2025 की भी जानकारी दी. इसके तहत किसी भी सड़क हादसे के मरीज को सात दिन तक का इलाज बिल्कुल कैशलेस मिलेगा. इलाज का खर्चा 1.5 लाख रुपये तक सरकार उठाएगी.
इसकी जिम्मेदारी स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल और मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड की होगी. फिलहाल कर्नाटक में पहले से भी एक योजना लागू है , जिसमें हादसे के मरीज को 48 घंटे तक का कैशलेस इलाज और 76 लाइफसेविंग सेवाएं दी जाती हैं . सरकार ने साफ चेतावनी दी है कि अगर कोई अस्पताल या डॉक्टर इन आदेशों का पालन नहीं करेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी . अब किसी भी हादसे के मरीज को इलाज से वंचित नहीं किया जा सकता .