कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के शिवाजीनगर में निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी के नाम पर रखने की कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सिफारिश ने भारी विवाद खड़ा कर दिया है. इस प्रस्ताव की घोषणा सिद्धारमैया ने हाल ही में शिवाजीनगर के सेंट मैरी बेसिलिका में आयोजित एक समारोह के दौरान की थी. उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि इस मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी के नाम पर रखा जाए. इस घोषणा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित महाराष्ट्र के नेताओं से तीखी प्रतिक्रिया उकसाई है, जो इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बता रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने इस कदम को छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति अपमानजनक करार दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रस्ताव की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "यह छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान है. मैं प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर सिद्धारमैया को सद्बुद्धि दे ताकि वे इस तरह का फैसला न लें." फडणवीस ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू के समय से ही शिवाजी महाराज का अपमान करने की परंपरा बनाए रखी है, जिन्होंने अपनी पुस्तक 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' में शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी की थी.
बीजेपी का तीखा विरोध
कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता चालवाड़ी नारायण स्वामी ने भी इस कदम की आलोचना की. उन्होंने कहा, "क्या वे शिवाजीनगर का नाम हटाएंगे? उन्हें अपनी सीमा से आगे नहीं बढ़ना चाहिए. तुष्टिकरण कांग्रेस की पहली पसंद बन गया है. इस तुष्टिकरण के कारण उनकी पार्टी का पतन हुआ, फिर भी वे इस नीति पर कायम हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे."
महाराष्ट्र में भी मचा हंगामा
महाराष्ट्र में बीजेपी की विधान परिषद सदस्य चित्रा वाघ ने कांग्रेस पर शिवाजी महाराज के प्रति "नफरत" का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "कांग्रेस विधायक रिजवान (अरशद) ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी करने की मांग की, और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है. क्या महाराष्ट्र कांग्रेस इस पर अपनी स्थिति साफ करेगी या चुप रहेगी?"
शिवसेना (यूबीटी) की प्रतिक्रिया
कांग्रेस की सहयोगी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने भी इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति दर्ज की है. पार्टी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, "जनभावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए. इस मुद्दे पर राजनीति से बचना चाहिए. बीजेपी को शिवाजी महाराज के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब सागर में शिवाजी की प्रतिमा की आधारशिला रखी थी, लेकिन उसका कोई प्रगति नहीं हुई. बीजेपी को आग भड़काने की बजाय समाधान ढूंढना चाहिए. हम अपनी सहयोगी पार्टी से बात करेंगे और इस मुद्दे का हल निकालेंगे." शिवसेना ने सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मेट्रो स्टेशन का नाम छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखने का आग्रह करने की बात कही है.