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India Daily

कॉलेज छात्रा के साथ फिजिकल-बायोलॉजी के टीचर ने दोस्त के साथ मिलकर कई बार किया रेप, दरिंदगी से हिला बेंगलुरु

यह घटना शैक्षिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है. समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Bengaluru Student Raped
Courtesy: Social Media

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ बार-बार दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के गंभीर मामले में पुलिस ने दो शिक्षकों और उनके एक दोस्त को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में भौतिकी के व्याख्याता नरेंद्र, जीवविज्ञान के व्याख्याता संदीप और उनका दोस्त अनूप शामिल हैं. यह घटना न केवल शैक्षिक संस्थानों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाती है.

शिक्षक ने बनाया दोस्ती का जाल 

पुलिस शिकायत के अनुसार, नरेंद्र ने पहले छात्रा से शैक्षिक नोट्स साझा करने के बहाने संपर्क स्थापित किया. लगातार मैसेजिंग के जरिए उसने छात्रा का विश्वास जीता और फिर उसे अनूप के कमरे पर बुलाया. वहां नरेंद्र ने कथित तौर पर छात्रा के साथ दुष्कर्म किया और उसे चुप रहने की धमकी दी. नरेंद्र ने कहा, “अगर तुमने किसी को बताया, तो अंजाम बहुत बुरा होगा.” इस घटना ने छात्रा को गहरे सदमे में डाल दिया.

ब्लैकमेलिंग का सिलसिला लगातार रहा जारी  

हालांकि, कुछ दिनों बाद, संदीप ने भी छात्रा पर दबाव बनाना शुरू किया. जब छात्रा ने इसका विरोध किया, तो संदीप ने नरेंद्र के साथ उसकी तस्वीरें और वीडियो होने का दावा करते हुए उसे ब्लैकमेल किया. उसने भी अनूप के घर पर छात्रा के साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद अनूप ने छात्रा को अपने कमरे में प्रवेश करते हुए सीसीटीवी फुटेज दिखाकर धमकाया और उसका यौन शोषण किया. इस तरह तीनों ने मिलकर छात्रा को लगातार प्रताड़ित किया.

परिवार और पुलिस ने दिया सहारा   

पीड़ित छात्रा ने इस दर्दनाक अनुभव को तब अपने माता-पिता के सामने उजागर किया, जब वे बेंगलुरु आए. परिवार ने तुरंत कर्नाटक राज्य महिला आयोग से संपर्क किया और मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नरेंद्र, संदीप और अनूप को गिरफ्तार कर लिया. तीनों को अदालत में पेश किया गया है.

महिलाओं की सुरक्षा पर उठे सवाल   

यह घटना शैक्षिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है. समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है.