दिव्यांग छात्र को बेरहमी से पीटा, आंख में डाला मिर्ची पाउडर, रेजिडेंशियल स्कूल में मासूम के साथ हुई दरिंदगी
बागलकोट में दिव्यांग छात्र के साथ मारपीट और मिर्च पाउडर डालने का मामला सामने आने पर विशेष स्कूल चलाने वाले दंपती को गिरफ्तार किया गया है. वायरल वीडियो के बाद स्कूल की अवैध गतिविधियां उजागर हुईं और उसे बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
बेंगलुरु: कर्नाटक के बागलकोट जिले से खास जरूरतों वाले बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार का एक गंभीर मामला सामने आया है. यहां दिव्य ज्योति स्पेशल चिल्ड्रन्स रेजिडेंशियल स्कूल में पढ़ने वाले 16 वर्षीय दिव्यांग छात्र के साथ कथित रूप से बेरहमी से मारपीट की गई और उसकी आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया गया. इस मामले में स्कूल चलाने वाले कपल अक्षय इंदुलकर और उनकी पत्नी मालिनी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है.
यह घटना करीब तीन महीने पुरानी बताई जा रही है. हालांकि मामला तब सामने आया जब पिछले सप्ताह एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो में छात्र के साथ की गई क्रूरता साफ तौर पर देखी जा सकती है. वीडियो सामने आते ही पीड़ित बच्चे के माता पिता ने पुलिस से संपर्क किया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
घटना को लेकर क्या कहा छात्र के माता-पिता ने?
पीड़ित बच्चे के माता पिता के अनुसार उनका बेटा पिछले तीन वर्षों से इसी स्कूल में पढ़ रहा था. वे हर महीने करीब 6,000 रुपये फीस अदा कर रहे थे. शिकायत में कहा गया है कि किसी बात को लेकर बच्चे का स्कूल में दूसरे छात्र से झगड़ा हुआ था. इसके बाद स्कूल संचालक अक्षय ने बच्चे की बेरहमी से पिटाई की. जब बच्चा दर्द से जमीन पर गिर पड़ा तो आरोप है कि कपल ने उसकी आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया.
गुस्साए अभिभावकों का प्रदर्शन
वीडियो देखने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया. बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा. इसके बाद स्कूल में जांच शुरू की गई.
मां का बयान
पीड़ित की मां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि शिक्षक बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अन्य बच्चों की सुरक्षा के लिए वह इस स्कूल को पूरी तरह बंद करवाने के लिए संघर्ष करेंगी.
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ गोयल ने बताया कि वायरल वीडियो स्कूल के कुक द्वारा रिकॉर्ड किया गया था जिसे बाद में नौकरी से निकाल दिया गया. जांच में सामने आया कि स्कूल बिना आवश्यक लाइसेंस के संचालित किया जा रहा था. बाल विकास परियोजना अधिकारी और बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े अधिकारियों ने भी सेंटर का दौरा किया है. पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया है.
स्कूल बंद करने के निर्देश
महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूल को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं. फिलहाल पुलिस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अन्य बच्चों के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न हुआ हो.
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