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India Daily

नीबू पहाड़ बना अवैध खनन का अड्डा, CBI जांच में 100 करोड़ के हेरफेर का हुआ खुलासा

CBI की प्रारंभिक जांच में साहिबगंज के नीबू पहाड़ में 100 करोड़ रुपये के अवैध खनन का खुलासा हुआ है. वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर तीन लोगों की भूमिका चिन्हित की गई है और जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है.

Kanhaiya Kumar Jha
Jharkhand Illegal Mining India Daily
Courtesy: Gemini AI

रांची: झारखंड के साहिबगंज जिले स्थित नीबू पहाड़ में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का मामला सामने आया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की आरंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि यहां करीब 100 करोड़ रुपये मूल्य का अवैध खनन किया गया. इस मामले में तीन प्रमुख लोगों की भूमिका सामने आई है, जिनमें पवित्र यादव, विष्णु यादव और अमित यादव के नाम शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जांच में आई तेजी

गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद से ही CBI ने इस मामले की जांच को तेज कर दिया है. एजेंसी अब इस प्रकरण के हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है और जांच का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है.

वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर किया गया मूल्यांकन

CBI ने नीबू पहाड़ क्षेत्र में जांच स्थल का निरीक्षण कर अवैध रूप से निकाले गए पत्थरों और उनके बाजार मूल्य का वैज्ञानिक तरीके से आकलन किया. जांच में पाया गया कि खनन से प्राप्त पत्थरों की बिक्री से करीब 100 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई. एजेंसी ने इस पूरे मामले से जुड़े वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य भी एकत्र किए हैं.

मशीनों की लोकेशन ट्रैक कर जुटाए सबूत

CBI ने खनन में इस्तेमाल की गई मशीनों की लोकेशन को भी ट्रैक किया है. जांच के दौरान यह सामने आया कि जिन मशीनों का उपयोग अवैध खनन के लिए किया गया, उनकी मौजूदगी नीबू पहाड़ क्षेत्र में पाई गई. जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि विष्णु यादव, पवित्र यादव और अमित यादव द्वारा इस्तेमाल किए गए उपकरण उसी इलाके में सक्रिय थे.

अधिकारी और नेता भी CBI के रडार पर

इस मामले में CBI केवल निजी लोगों तक सीमित नहीं है. जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि अवैध खनन में संलिप्त अधिकारियों और राजनीतिक व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. जिनकी भी संलिप्तता सामने आएगी, उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ की जाएगी.

आगे और बड़े खुलासों की संभावना

CBI की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन जिस तरह से सबूत सामने आ रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में इस अवैध खनन मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है.