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बिल बकाया तो क्या हुआ? अब शव रोके तो प्राइवेट अस्पताल पर होगी कड़ी कार्रवाई, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा फैसला

Ranchi Hospital News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे मरीजों के शव को रोकने की अनुमति नहीं देंगे. ऐसा न करने पर क्लीनिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे गरीब परिवारों को राहत मिलेगी.

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Anvi Shukla

Ranchi Hospital News: झारखंड में निजी अस्पतालों की मनमानी पर अब लगाम लगेगी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी सूरत में मरीज की मौत के बाद शव को बिल बकाया होने के कारण रोका नहीं जा सकता. यदि कोई अस्पताल ऐसा करता है, तो उस पर क्लीनिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, 'यह फैसला आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत देने के लिए लिया गया है. कई बार गरीब परिजन अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाते क्योंकि अस्पताल शव को बिल भरने तक रोक कर रखते हैं. अब ऐसा नहीं होगा.'

लगातार मिल रही थीं शिकायतें

रांची सहित झारखंड के कई जिलों से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि निजी अस्पताल इलाज के दौरान मृत्यु हो जाने पर परिजनों को शव देने से मना कर रहे हैं. इसकी जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और राज्यभर के सभी जिला मुख्यालयों को निर्देश जारी कर दिए.

जिला स्तर पर सख्ती के आदेश

सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि मंत्री के निर्देशों के बाद निजी अस्पतालों को सख्त चेतावनी दी गई है. अगर कोई अस्पताल आदेश की अवहेलना करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

मंत्री ने खुद छुड़वाए शव

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वे पहले एक डॉक्टर रहे हैं और मरीजों व परिजनों की पीड़ा को गहराई से समझते हैं. उन्होंने कहा, 'जब मैंने देखा कि अस्पताल शव को पैसे के अभाव में रोक देते हैं और परिवार बिलखते हुए दर-दर भटकते हैं, तभी मैंने ठान लिया था कि यदि जिम्मेदारी मिली तो सबसे पहले इस व्यवस्था को सुधारूंगा.'

पूरे राज्य में सराहना

इस मानवीय फैसले की पूरे राज्य में सराहना हो रही है. लोगों ने इसे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ी राहत बताया है. अब अस्पतालों को शव रोकने से पहले सौ बार सोचना पड़ेगा.