विदेश में बसने की चाह बनी मुसीबत, डंकी रूट से अमेरिका पहुंचकर भी नहीं मिला हरियाणा के युवक को ठिकाना
हरियाणा के निवासी मनदीप सिंह ने अमेरिका जाने की इच्छा रखी, लेकिन यह यात्रा उनके लिए कठिनाईयों से भरी रही. ट्रैवल एजेंट ने उन्हें शीघ्रता से अमेरिका पहुंचाने का आश्वासन दिया, पर वास्तविकता ने उन्हें निराश किया और यात्रा लंबी हो गई.
Illegal Migration: हरियाणा के कैथल जिले के श्यो माजरा गांव के निवासी मनदीप सिंह ने अमेरिका जाने का सपना देखा था, लेकिन यह सपना उनके लिए एक बुरे अनुभव में बदल गया. ट्रैवल एजेंट ने उनसे 40 लाख रुपये लेकर 40 दिन में अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन उन्हें अमेरिका पहुंचने में पूरे पांच महीने लग गए और वहां पहुंचने के 20 दिन बाद ही वापस भेज दिया गया.
डंकी रूट से 10 देशों की कठिन यात्रा
आपको बता दें कि 23 वर्षीय मनदीप ने 18 सितंबर 2024 को अपनी यात्रा शुरू की. मुंबई से निकलकर वह गुयाना, ब्राजील, बोलीविया, पेरू, कोलंबिया, पनामा, निकारागुआ, होंडुरास, ग्वाटेमाला और मैक्सिको होते हुए 24 जनवरी 2025 को अमेरिका की सीमा पार करने में सफल हुए. लेकिन, वहां पहुंचते ही अमेरिकी सीमा पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
कानूनी मदद नहीं, तुरंत निर्वासन
वहीं मनदीप ने बताया कि हिरासत में रहने के दौरान उन्हें कोई कानूनी सहायता नहीं मिली और शरण देने से भी इनकार कर दिया गया. ''हमें बताया गया कि नियम बदल चुके हैं और अब सभी गिरफ्तार प्रवासियों को वापस भेजा जाएगा.''
हथकड़ी लगाकर किया गया डिपोर्ट
बताते चले कि अमेरिकी अधिकारियों ने 13 फरवरी को मनदीप सहित अन्य लोगों को वापस भारत भेजने का निर्णय लिया. उन्हें हथकड़ी लगाकर अमृतसर के लिए रवाना किया गया और यह यात्रा 64-65 घंटे में पूरी हुई. 15 फरवरी को वे भारत लौट आए.
रोजगार की तलाश में ली थी डंकी रूट की राह
इसको लेकर मनदीप का कहना है कि उनके दोस्त पहले अमेरिका में बस चुके थे, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने भी यह कदम उठाया. ''मुझे यहां रोजगार नहीं मिल रहा था, इसलिए मैंने यही रास्ता अपनाया. लेकिन अब मैं समझ चुका हूं कि डंकी रूट बेहद खतरनाक है और अमेरिका पहुंचने से पहले जंगलों से गुजरना पड़ता है, जहां जान का भी खतरा रहता है.''
ट्रैवल एजेंट का झांसा, परिवार हुआ परेशान
वहीं मनदीप के पिता मंगत सिंह, जो एक किसान हैं, ने बताया कि उनके बेटे को विदेश भेजने के लिए उन्होंने ट्रैवल एजेंट से संपर्क किया. एजेंट ने कहा था कि 40 दिन में अमेरिका भेज देंगे, लेकिन पहले मनदीप को एक महीने तक दुबई में ही रोक दिया. जब परिवार ने एजेंट पर दबाव डाला, तो उसे वापस भारत भेज दिया गया, लेकिन बाद में डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजा गया.
डंकी रूट का सच
इसके अलावा, मनदीप की यह कहानी उन युवाओं के लिए सबक है जो अमेरिका जाने के लिए गलत रास्ते अपनाने की सोच रहे हैं. डंकी रूट न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि इसमें धोखाधड़ी, कठिनाइयां और जान का खतरा भी है. ऐसे में किसी भी फर्जी ट्रैवल एजेंट के झांसे में आने से बचना जरूरी है.