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पंचकूला सामूहिक आत्महत्या कांड! पड़ोसियों ने बताया ‘शालीन और शांतिप्रिय’ परिवार, कर्ज के बोझ ने छीनी जिंदगी

Panchkula Family Suicide: हरशित राणा, एक स्थानीय निवासी, ने सोमवार रात 10 बजे अपनी रिहायश के बाहर संदिग्ध रूप से खड़ी एक गाड़ी को सबसे पहले देखा था. उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दी, जिससे आगे की कार्रवाई शुरू हुई.

Imran Khan claims
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Panchkula Family Suicide: पंचकूला के सेक्टर-27 में सोमवार रात एक कार से एक ही परिवार के सात लोगों की लाशें मिली है. स्थानीय निवासी हर्षित राणा ने रात 10 बजे के करीब कार को संदिग्ध स्थिति में खड़ा देखा और जब पास जाकर देखा तो अंदर का मंजर भयावह था. कार में सभी लोगों ने उल्टियां की हुई थीं और ड्राइवर सीट पर बैठा शख्स अधमरी हालत में था.

हर्षित राणा के मुताबिक, 'जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने पहले कहा कि वह धीरेंद्र शास्त्री की कथा में आए हैं और होटल न मिलने के कारण कार में सो रहे हैं. लेकिन जब गौर से देखा, तो अंदर की हालत देख सन्न रह गया. पूछताछ करने पर उन्होंने कहा, ‘हम भारी कर्ज में हैं… मरना चाहता हूं, किसी ने मदद नहीं की.'

साकेतड़ी के मकान मालिक बोले - 'बहुत शालीन परिवार था'

इसके बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें कार से बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी. जख्मी व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. मृतक ने कार में मौजूद लोगों की पहचान अपनी पत्नी, माता-पिता, बेटा और दो बेटियों के रूप में की.

परिवार हाल ही में साकेतड़ी इलाके में किराए पर रहने आया था. मकान मालिक मनीष चौधरी ने बताया, 'बच्चे रोज शाम को पार्क में खेलते थे. महिला सुबह टहलने जाती थीं. सोमवार सुबह 9 बजे उन्होंने बताया कि वे तीन दिन के लिए दादा-दादी के साथ कहीं जा रहे हैं और मुझसे पानी भरने को कहा था.' उन्होंने बताया कि परिवार का मुखिया हर रोज घर से निकलता था जैसे कि नौकरी पर जा रहा हो. मनीष ने बताया, 'मैंने किराया एडवांस में नहीं लिया था क्योंकि वे अच्छे और सभ्य लोग लगते थे.'

आर्थिक तंगी और असफल कारोबार बनी आत्महत्या की वजह

परिवार के रिश्तेदारों ने बताया कि फैक्ट्री में नुकसान और टैक्सी कारोबार में असफलता के बाद परिवार के पास कोई स्थायी आमदनी नहीं थी. एक रिश्तेदार ने कहा, 'दिल्ली में एक शादी में आखिरी बार मिले थे. उन्होंने बताया था कि पंचकूला में शिफ्ट हुए हैं, लेकिन कोई कमाई का जरिया नहीं था और वह आर्थिक तंगी में थे.'

सुसाइड नोट फॉरेंसिक के लिए भेजा

डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने बताया कि मौके से दो सुसाइड नोट मिले हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस ने मामले की जांच के लिए पांच टीमें बनाई हैं जो आर्थिक और मानसिक पहलुओं की जांच कर रही हैं. कार से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए, जिनमें से एक अनलॉक था जिससे रिश्तेदारों को सूचना दी गई.

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