बुजुर्गों पर मेहरबान हुई हरियाणा सरकार, सरकारी खर्च पर कराएगी महाकुंभ के दर्शन, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का विस्तार करते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों को महाकुंभ के दर्शन करवाने की पहल की है. इस योजना का सारा खर्च हरियाणा सरकार वहन करेगी.

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Babli Rautela

Haryana News: हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का विस्तार करते हुए प्रदेश के बुजुर्गों को महाकुंभ के दर्शन करवाने की पहल की है. इसके तहत गरीब परिवारों के 60 साल और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दर्शन करवाए जाएंगे. इस योजना का सारा खर्च हरियाणा सरकार वहन करेगी.

योजना के तहत, हरियाणा सरकार पहले ही अयोध्या, श्रीमाता वैष्णो देवी, और शिरडी साईं बाबा तीर्थ जैसे पवित्र स्थलों के दर्शन करवाती आ रही है. अब इसमें प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले को भी शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनका मंत्रिमंडल स्वयं 7 फरवरी को महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जाएगा. इसके अलावा, 5 फरवरी को पत्रकारों के एक दल को भी प्रयागराज भेजा जाएगा.

बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधाएं

हरियाणा सरकार ने महाकुंभ मेले में राज्य के 30,000 श्रद्धालुओं के रहने और खाने की व्यवस्था की है. प्रयागराज में सेक्टर-18 में उनके ठहरने की सुविधा दी गई है. इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पर्यावरण गतिविधि समिति ने सहयोग करते हुए सिंगल-यूज़ प्लास्टिक मुक्त और हरित कुंभ बनाने की पहल की है.

आरएसएस ने इस आयोजन के लिए 30,000 थाली, 30,000 थैले और 6,000 गिलास भेजे हैं. पूरे हरियाणा से 60,000 थाली और 40,000 थैले पहले ही महाकुंभ स्थल पर भेजे जा चुके हैं.

60 साल या आयु के वरिष्ठ नागरिक

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं, पात्र होंगे. चयन प्रक्रिया में हर जिले से श्रद्धालुओं को शामिल किया जाएगा. हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण को भी महाकुंभ के लिए विशेष निमंत्रण उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष की ओर से भेजा गया है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में भाजपा सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए इस योजना के विस्तार को मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल बुजुर्गों की धार्मिक आस्था को सम्मान देगी, बल्कि सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देगी.

महाकुंभ को हरित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रयास सराहनीय हैं. सिंगल प्लास्टिक मुक्त कुंभ और पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ यह आयोजन हरियाणा के लिए एक मिसाल बनेगा.