'पहलगाम हमले में अपने सुहाग खोने वाली महिलाओं में...', बीजेपी सांसद के बयान से भूचाल, अखिलेश यादव ने साधा निशाना

बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने पहलगाम आतंकी हमले की विधवाओं पर टिप्पणी कर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को आतंकियों से हाथ जोड़कर अपने पतियों की जान की भीख मांगने के बजाय उनसे लड़ना चाहिए था.

Imran Khan claims

बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने पहलगाम आतंकी हमले की विधवाओं पर टिप्पणी कर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को “आतंकियों से हाथ जोड़कर अपने पतियों की जान की भीख मांगने के बजाय उनसे लड़ना चाहिए था.” भिवानी में देवी अहिल्याबाई होल्कर जयंती के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए  राम चंद्र जांगड़ा ने कहा, “उन्हें (महिला पर्यटकों को) लड़ना चाहिए था. मेरा मानना है कि अगर वे लड़तीं, तो हताहत कम होते. यदि सभी पर्यटक अग्निवीर होते, तो वे आतंकियों का मुकाबला करते और हताहत कम होते. हमें अपनी बहनों में रानी अहिल्याबाई जैसी वीरता का भाव जगाना होगा.” उनकी इस टिप्पणी की असंवेदनशीलता के लिए तीखी आलोचना हो रही है. 

विपक्ष हुआ हमलावर
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जंगरा के बयान की निंदा करते हुए इसे बेहद अपमानजनक बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं की गरिमा को अब हरियाणा के इस बीजेपी सांसद, रामचंद्र जी, ने छीना है. यह शर्मनाक और घृणित टिप्पणी है. बीजेपी शहीदों के परिवारों का अपमान करना बंद करे.” समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इसे अपमानजनक करार दिया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “पहलगाम की पीड़ित महिलाओं पर बीजेपी सांसद का यह घृणित बयान इतना निंदनीय है कि ‘निंदनीय’ शब्द भी इसका विरोध करेगा. बीजेपी महिलाओं का सम्मान करने के बजाय उनका अपमान, दोषारोपण और शोषण करती है—यह उनका असली चेहरा है, जो शर्मनाक और घृणास्पद है.”

पहलगाम हमले पर सवाल
पहलगाम हमले में गिरफ्तारी न होने के सवाल पर जांगड़ा ने कहा, “हमारी सेना ने आतंकियों के ठिकानों और मास्टरमाइंड को नष्ट कर दिया है, भले ही हमलावर पकड़े न गए हों.” यह बयान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक महीने बाद आया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. 
 

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