JNU कैंपस में फिर भड़की हिंसा, लाइब्रेरी में हुई जमकर तोड़फोड़; नई व्यवस्था को लेकर भिड़े छात्र संगठन

जेएनयू लाइब्रेरी में नई प्रवेश व्यवस्था को लेकर हिंसा के बाद कैंपस में तनाव बढ़ गया है. अभाविप ने वामपंथी संगठनों पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया है और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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Km Jaya

नई दिल्ली: जेएनयू सेंट्रल लाइब्रेरी में नई प्रवेश व्यवस्था को लेकर हुई हिंसा के बाद पूरे कैंपस में तनाव फैल गया है. शनिवार को हुई इस घटना ने छात्र संगठनों के बीच आरोप और जवाबी आरोपों की लड़ाई तेज कर दी है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने इसे वामपंथी संगठनों की अराजकता बताया और तुरंत कार्रवाई की मांग की है. घटना के बाद कैंपस में माहौल गंभीर हो गया है और प्रशासन पर भी कई सवाल उठने लगे हैं.

अभाविप ने लाइब्रेरी में हुई तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की है. संगठन का आरोप है कि जेएनयूएसयू और उनसे जुड़े वामपंथी छात्र नई प्रवेश व्यवस्था का विरोध करने के बहाने लाइब्रेरी में घुसे और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. अभाविप का कहना है कि यह विरोध के नाम पर शैक्षणिक माहौल को खराब करने की कोशिश थी. 

संगठन के नेताओं ने क्या बताया?

संगठन के नेताओं ने कहा कि यह केवल व्यवस्था पर आपत्ति नहीं बल्कि वातावरण को अस्थिर करने की सोची समझी कोशिश है. नई प्रवेश व्यवस्था को लेकर कई छात्रों में असंतोष था. अभाविप का कहना है कि प्रशासन ने यह व्यवस्था बिना व्यापक सहमति लागू कर दी जिसके कारण भ्रम और विरोध की स्थिति बनी लेकिन संगठन का आरोप है कि वामपंथी समूहों ने इस मुद्दे पर संवाद करने के बजाय सीधे हिंसक रास्ता अपनाया.

कैसी है अभी कैंपस में स्थिति?

उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं साबित करती हैं कि वामपंथी संगठन छात्रों के मुद्दों से ज्यादा अपने राजनीतिक दबदबे को बढ़ाने पर ध्यान देते हैं. घटना के बाद कैंपस में बाहरी लोगों की एंट्री, सीट अलॉटमेंट में गड़बड़ी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बहस तेज हो गई है. अभाविप ने कहा कि इन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है लेकिन हिंसा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. 

संगठन ने क्या लगाया आरोप?

संगठन ने आरोप लगाया कि जेएनयू को राजनीतिक प्रयोगशाला बनाने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है और यह संस्थान की शैक्षणिक पहचान के लिए खतरनाक है. अभाविप जेएनयू अध्यक्ष मयंक पंचाल ने प्रशासन से तत्काल कठोर कदम उठाने की मांग की है. उनका कहना है कि लाइब्रेरी में हुई हिंसा छात्रों के अधिकारों पर हमला है और दोषियों को कैंपस में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए. 

प्रशासन से क्या रखी गई मांग?

जेएनयू मंत्री प्रवीण पीयूष ने कहा कि लाइब्रेरी में तोड़फोड़ सिर्फ मशीनों का नुकसान नहीं बल्कि जेएनयू की शैक्षणिक संस्कृति पर सीधा प्रहार है. संगठन ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ पहचान कर कार्रवाई की जाए और भविष्य में किसी भी नई व्यवस्था को लागू करने से पहले छात्रों से पारदर्शी संवाद किया जाए.