Delhi Liquor Policy: सस्ती शराब के लिए गुड़गांव दौड़ लगाने की टेंशन खत्म, दिल्ली में NCR में सबसे कम होंगे दाम!
Delhi Liquor Policy: दिल्ली सरकार शराब नीति में बड़ा बदलाव लाने जा रही है. नई नीति के तहत दिल्ली में सस्ती कीमत पर शराब उपलब्ध होगी और प्रीमियम ब्रांड भी सभी दुकानों पर मिलेंगे. साथ ही निजी शराब की दुकानें भी फिर से शुरू करने की तैयारी है. बीयर पीने की कानूनी उम्र को 25 से घटाकर 21 साल करने पर भी विचार हो रहा है.
Delhi Liquor Policy: दिल्ली के शराब प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें सस्ती शराब या प्रीमियम ब्रांड खरीदने के लिए गुड़गांव या हरियाणा के दूसरे शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. दिल्ली सरकार जल्द ही नई शराब नीति लागू करने जा रही है, जिसमें कीमतें एनसीआर के अन्य शहरों के बराबर लाई जाएंगी और प्रीमियम ब्रांड भी आसानी से उपलब्ध होंगे.
सरकार द्वारा गठित एक आबकारी समिति ने इस नीति पर काम शुरू कर दिया है. समिति का नेतृत्व पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश साहिब सिंह कर रहे हैं. इसके साथ ही कुछ अन्य मंत्री भी इसमें शामिल हैं. समिति का उद्देश्य पारदर्शी और सामाजिक रूप से सुरक्षित शराब नीति तैयार करना है. सूत्रों के अनुसार, नई शराब नीति अगले एक महीने में तैयार हो सकती है. हाल ही में हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें तय खुदरा मार्जिन, एक्साइज ड्यूटी, बीयर पीने की कानूनी उम्र और प्रीमियम ब्रांड की उपलब्धता प्रमुख रहे.
गुड़गांव में क्यों सस्ती मिलती है शराब?
दिल्ली और गुड़गांव की शराब नीतियों में बड़ा अंतर है. गुड़गांव में शराब व्यापारियों को कीमत और छूट तय करने की पूरी आजादी होती है. वे लाइसेंस की नीलामी में करोड़ों रुपये खर्च करते हैं और लागत निकालने के लिए डिस्काउंट व ऑफर देते हैं. इस वजह से गुड़गांव में शराब अपेक्षाकृत सस्ती मिलती है. वहीं दिल्ली में इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) पर 50 रुपये प्रति बोतल और विदेशी शराब पर 100 रुपये प्रति बोतल का तय खुदरा मार्जिन है. इसी कारण दिल्ली में प्रीमियम ब्रांड 1000 रुपये से ऊपर उपलब्ध नहीं होते.
दिल्ली में क्या बदलाव होंगे?
नई नीति के तहत दिल्ली में सरकारी दुकानों के साथ-साथ प्राइवेट शराब की दुकानें भी फिर से शुरू हो सकती हैं. इससे न केवल ग्राहकों को ज्यादा विकल्प मिलेंगे, बल्कि सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी. प्रीमियम ब्रांड्स को सभी दुकानों पर उपलब्ध कराने की भी योजना है. एक बड़ा बदलाव बीयर पीने की कानूनी उम्र में किया जा सकता है. अभी दिल्ली में बीयर पीने की उम्र 25 साल है, लेकिन नई नीति में इसे घटाकर 21 साल करने पर विचार किया जा रहा है.
सरकार को क्यों हो रहा है नुकसान?
मौजूदा नीति में प्रीमियम शराब की कमी और तय मार्जिन के कारण ग्राहक हरियाणा का रुख करते हैं, जिससे दिल्ली सरकार को भारी राजस्व नुकसान उठाना पड़ता है. नई नीति से इस नुकसान को रोकने और दिल्लीवालों को सस्ती व प्रीमियम शराब दोनों उपलब्ध कराने की योजना है.
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