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दिल्ली-एनसीआर में क्यों भरा यमुना का पानी? सामने आई बाढ़ की मुख्य वजह

यमुना खादर क्षेत्र की कॉलोनियों में अभी भी पानी भरा हुआ है. सिविल लाइंस के बेला रोड और मोनेस्ट्री बाजार में जलभराव के कारण करीब 50 परिवारों को अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों या होटलों में शरण लेनी पड़ी है.

main reason behind the flood in Delhi NCR has come to the fore
Sagar Bhardwaj

Delhi NCR Flood: दिल्ली-NCR में यमुना नदी का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन बाढ़ का संकट अभी टला नहीं है. हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से अब कम पानी छोड़ा जा रहा है, और मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना नहीं है. फिर भी, राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव और यातायात की समस्याएं बनी हुई हैं.

यमुना खादर क्षेत्र की कॉलोनियों में अभी भी पानी भरा हुआ है. सिविल लाइंस के बेला रोड और मोनेस्ट्री बाजार में जलभराव के कारण करीब 50 परिवारों को अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों या होटलों में शरण लेनी पड़ी है. घोंडा विधानसभा के गढ़ी मांडू गांव में जलभराव के कारण एक युवक की डूबने से मौत हो गई. दिल्ली सचिवालय के पास और रिंग रोड पर भी पंपिंग सेट लगाकर पानी निकालने का प्रयास जारी है.

नालों के बंद होने से नई मुसीबत

यमुना और नजफगढ़ ड्रेन में जलस्तर बढ़ने के कारण इनमें गिरने वाले नालों को बंद कर दिया गया है, ताकि नदी का पानी शहर में न आए. इससे उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम के सेक्टर 107 की हाउसिंग सोसायटियों में जलभराव की समस्या बढ़ गई है. मुखर्जी नगर के हकीकत नगर में नाराज लोगों ने जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. जहांगीरपुरी और हस्तसाल की डीडीए कॉलोनी में भी नाले का पानी सड़कों पर फैल रहा है.

यातायात और रेल सेवाएं प्रभावित

रिंग रोड पर जलभराव के कारण शुक्रवार को दिनभर जाम रहा, हालांकि दोपहर बाद स्थिति सामान्य हो गई. पुराना लोहा पुल पर पानी भरने से तीसरे दिन भी ट्रेनों की आवाजाही बंद रही. सिद्धबली एक्सप्रेस और पूर्णागिरि जनशताब्दी सहित 45 ट्रेनें रद्द कर दी गईं, और करीब 100 ट्रेनों के मार्ग बदले गए. इससे दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी हुई.

राहत के प्रयास

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पंपिंग सेट के जरिए पानी निकालने में जुटे हैं. अधिकारियों का कहना है कि नदी का जलस्तर और कम होने तक नाले खोलना जोखिम भरा होगा.