अब भारतीय किसान को कपास का दाम 900 रुपए से भी कम मिलेगा- केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अमेरिकी दबाव में मोदी सरकार ने किसानों और हीरा कारीगरों की पीठ में छुरा घोंपा है. उनका आरोप है कि अमेरिकी कपास पर से हटाई गई 11 प्रतिशत ड्यूटी से भारतीय किसानों की कपास नहीं बिकेगी और वे आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे. उन्होंने मांग की कि अमेरिकी कपास पर तुरंत फिर से ड्यूटी लगाई जाए, कपास पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2100 रुपये प्रति 20 किलो तय हो और खाद-बीज पर सब्सिडी दी जाए. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अमेरिका पर 75 से 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की मांग की, यह कहते हुए कि “मोदी जी थोड़ा हिम्मत दिखाएं, पूरा देश आपके साथ खड़ा है.”

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Kuldeep Sharma

गुजरात में किसानों की महापंचायत भारी बारिश के कारण स्थगित होने के बाद, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अहमदाबाद में प्रेसवार्ता कर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र ने अमेरिकी कपास पर से 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटाकर देश के किसानों को आत्महत्या के मुहाने पर खड़ा कर दिया है. केजरीवाल का आरोप है कि मोदी सरकार ट्रंप को खुश करने और अडानी को बचाने के लिए किसानों की बलि चढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को उचित दाम नहीं मिलेगा और लाखों हीरा कारीगर बेरोजगार हो गए हैं, जबकि मोदी सरकार खामोश बैठी है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत के किसान जून-जुलाई में कपास बोते हैं और अक्टूबर-नवंबर में फसल तैयार होती है. किसान बीज, खाद और मजदूरी के लिए कर्ज लेकर खेती करते हैं और उम्मीद रखते हैं कि फसल कटने पर उन्हें मंडी में सही दाम मिलेगा. लेकिन मोदी सरकार ने 19 अगस्त से अमेरिकी कपास पर लगने वाली 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी. इसका नतीजा यह हुआ कि अमेरिका से आने वाली कपास भारतीय कपास से 15 से 20 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई. इससे भारतीय किसानों की फसल मंडियों में बिकना मुश्किल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पहले अमेरिकी कपास महंगी पड़ती थी, जिससे भारतीय किसानों की कपास आसानी से बिक जाती थी, लेकिन अब किसान पूरी तरह से ठगा जा चुके हैं.

टेक्सटाइल कंपनियों को फायदा, किसान बर्बाद

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अमेरिकी कपास पर ड्यूटी हटाने का सीधा फायदा बड़ी-बड़ी टेक्सटाइल कंपनियों को होगा. उन्होंने कहा कि भारत की कंपनियां पहले ही अमेरिका से बड़े स्तर पर सस्ती कपास मंगाने लगी हैं, जिससे भारतीय किसानों की फसल मंडियों में अटक जाएगी. किसानों ने बीज, खाद, मजदूरी पर कर्ज लिया है, लेकिन जब फसल बिकेगी ही नहीं, तो वे कर्ज कैसे चुकाएंगे? उनके सामने आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि किसानों को अब 900 रुपये प्रति मन से भी कम दाम मिलेगा, जबकि खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है.

वादे और हकीकत में अंतर

केजरीवाल ने कहा कि 2013 में कपास की कीमत 1500 से 1700 रुपये प्रति मन थी और 2014 के चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कपास की कीमत कम से कम 2500 रुपये प्रति मन होनी चाहिए. लेकिन आज हालत यह है कि किसानों को महज 1200 रुपये मिल रहे हैं. जब अमेरिकी कपास भारत आएगी तो दाम और गिरकर 900 रुपये प्रति मन से भी नीचे चला जाएगा. उन्होंने कहा कि यह साफ दिखाता है कि मोदी सरकार ने किसानों से किए वादे तोड़े हैं और अमेरिकी किसानों को फायदा पहुंचाया है, जबकि भारतीय किसान कंगाल हो रहे हैं.

ट्रंप के आगे झुकी मोदी सरकार

केजरीवाल ने सवाल उठाया कि आखिर मोदी सरकार अमेरिका के आगे इतनी बेबस क्यों है? उन्होंने कहा कि अफवाहें हैं कि मोदी सरकार अडानी को बचाने और ट्रंप को नाराज न करने के लिए झुक गई है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका ने कनाडा, यूरोपियन यूनियन और मैक्सिको पर टैरिफ लगाया, तो इन देशों ने भी पलटवार कर अमेरिका पर टैरिफ लगाया और अंत में ट्रंप झुक गए. लेकिन भारत ने ठीक उल्टा किया और अमेरिकी दबाव में अपने किसानों को बर्बाद कर दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में अमेरिकी कपास पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए था.

किसानों और हीरा कारीगरों की दुर्दशा

केजरीवाल ने कहा कि सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि सूरत के लाखों हीरा कारीगर भी अमेरिकी टैरिफ के कारण बेरोजगार हो गए हैं. अमेरिका ने भारतीय हीरों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जिससे उनका निर्यात ठप हो गया है. लेकिन मोदी सरकार ने इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि आज सूरत के कारीगरों के पास बच्चों की फीस देने और दो वक्त की रोटी खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं. उन्होंने कहा कि जब बाकी देशों ने ट्रंप को आंखें दिखाई तो ट्रंप झुक गए, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री क्यों खामोश हैं?

मोदी सरकार को दिखानी चाहिए हिम्मत

अरविंद केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार को अब अमेरिका को आंख दिखानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और यहां अमेरिकी कंपनियां व्यापार करने आती हैं. अगर भारत चार अमेरिकी कंपनियां बंद कर दे तो उन्हें सबक मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि मोदी जी को ट्रंप पर 75 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए और किसानों को कपास पर 2100 रुपये प्रति 20 किलो एमएसपी देना चाहिए. साथ ही खाद-बीज पर सब्सिडी सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरा देश मोदी जी के साथ खड़ा है, बस उन्हें थोड़ी हिम्मत दिखानी होगी.

कांग्रेस पर भी साधा निशाना

केजरीवाल ने कहा कि अमेरिकी कपास पर से हटाई गई ड्यूटी के मुद्दे पर कांग्रेस चुप है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को न किसानों से मतलब है और न हीरा कारीगरों से. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ भाजपा की नौकरी कर रही है और किसानों के मुद्दे पर विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाय खामोश बैठी है.