दिल्ली धमाके में इस्तेमाल हुई i20 कार का दो हफ्ते पहले पॉल्यूशन चेक कराते कैमरे में कैद हुए थे तीन लोग, देखें वीडियो
वीडियो 29 अक्टूबर शाम 4.20 बजे का है. यह वही दिन था जिस दिन इस हमले के फिदायीन डॉ. उमर मोहम्मद को i20 कार बेची गई थी.
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण कार धमाके की जांच में एक नया सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जिसने जांच को नई दिशा दे दी है. वीडियो में तीन लोग उस सफेद हुंडई i20 कार का PUC करवाते दिख रहे हैं, जो धमाके में तबाह हो गई थी. यह वही दिन था जब कार कथित आतंकी उमर मोहम्मद के नाम रजिस्टर की गई थी. अब एनआईए इस पूरे मॉड्यूल के तार फरीदाबाद और कश्मीर तक जोड़ने में जुटी है.
29 अक्टूबर का CCTV वीडियो सामने आया
जांच एजेंसियों को मिला यह वीडियो 29 अक्टूबर शाम 4:20 बजे का है. फुटेज में नंबर HR 26CE 7674 वाली सफेद i20 कार PUC बूथ के पास खड़ी दिखती है. एक व्यक्ति अधिकारी से बात करता नजर आता है, जबकि दो अन्य – एक ग्रे टी-शर्ट और दूसरा सफेद टी-शर्ट पहने हुए – वहां आते हैं. माना जा रहा है कि इनमें से एक दाढ़ी वाला व्यक्ति तारिक मलिक है, जो कार की खरीद-फरोख्त में शामिल था.
धमाके से पहले की हर मूवमेंट दर्ज
इससे पहले सामने आए वीडियो में यह कार सोमवार दोपहर 3:19 बजे लाल किला पार्किंग में दाखिल होती दिखी थी. ड्राइवर सीट पर संदिग्ध उमर मोहम्मद था, जो पूरे समय कार के अंदर ही रहा. शाम 6:30 बजे कार पार्किंग से निकली और कुछ ही मिनटों बाद 6:52 बजे जोरदार धमाका हुआ. सूत्रों का कहना है कि उमर किसी के निर्देश या सिग्नल का इंतज़ार कर रहा था.
कार सात बार बेची जा चुकी थी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह i20 कार अब तक सात लोगों के हाथों में घूम चुकी थी. इसके पहले मालिक मोहम्मद सलमान को गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने यह कार मार्च में देवेंद्र नामक व्यक्ति को बेची थी, जिसने आगे आमिर राशिद को सौंपी और अंततः कार उमर मोहम्मद तक पहुंची. बताया जा रहा है कि इस डील में तारिक मलिक भी शामिल था.
फरीदाबाद से जुड़े तार
धमाके से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर फरीदाबाद में पुलिस ने 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किए थे. सूत्रों के अनुसार, जब पुलिस ने इस मॉड्यूल के दो अहम सदस्यों डॉ. मुझम्मिल शकील और डॉ. आदिल राथर को गिरफ्तार किया, तो उमर घबरा गया और उसने लाल किला के पास कार में लगा डेटोनेटर ब्लास्ट कर दिया. जांच में सामने आया है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था.
एनआईए जांच में जुटी
गृह मंत्रालय ने इस धमाके की जांच एनआईए को सौंप दी है. एजेंसी ने सभी सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और फॉरेंसिक रिपोर्ट अपने कब्जे में ले ली हैं. एनआईए यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह हमला किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा था. इस केस को अब हाई-प्रोफाइल टेरर मॉड्यूल के रूप में देखा जा रहा है.