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'मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, सब कुछ कर रही हूं', दिल्ली प्रदूषण पर सवाल पूछे जाने पर बोलीं सीएम रेखा गुप्ता

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी में प्रदूषण को 'लेगेसी समस्या' बताया. उन्होंने कहा कि इसे तुरंत हल करने के लिए कोई जादुई उपाय नहीं है, लेकिन उनकी सरकार लगातार कदम उठा रही है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
rekha gupta cm india daily
Courtesy: social media

नई दिल्ली: दिल्ली की बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या ने राजधानी को प्रदूषण की चपेट में ला दिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने HT लीडरशिप समिट 2025 में कहा कि दिल्ली की यह समस्या दशकों पुरानी है और इसे हल करने के लिए समय और लगातार प्रयास की आवश्यकता है. 

उन्होंने बताया कि उनकी सरकार पिछले 10 महीनों में तेज गति से कदम उठा रही है और प्रत्येक दिन प्रदूषण नियंत्रण में एक कदम आगे बढ़ रही है.

प्रदूषण एक 'लेगेसी समस्या'

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली का स्मॉग और वायु प्रदूषण दशकों पुरानी समस्या है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे तुरंत हल करने के लिए कोई 'जादुई छड़ी' नहीं है. रेखा गुप्ता ने कहा कि ऐसे मुद्दों का समाधान लगातार प्रयास और समय मांगता है, और सरकार हर दिन एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है.

लॉकडाउन विकल्प नहीं

रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जैसे बड़े शहर में लॉकडाउन जैसी कठोर कार्रवाई संभव नहीं है. उन्होंने बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या को प्रदूषण के प्रमुख कारणों में गिना. उन्होंने कहा, 'हमें शहर को चलाना है और प्रदूषण से भी निपटना है. हम हर संभव उपाय कर रहे हैं.'

पिछली सरकारों की आलोचना

सीएम ने AAP और कांग्रेस सरकारों पर सवाल उठाया कि पिछले दशकों में उन्होंने प्रदूषण के लिए क्या किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पिछले 10 महीनों में तेजी से ऐसे कदम उठा रही है, जो पहले नहीं उठाए गए. उन्होंने साफ कहा कि दिल्लीवासियों को राहत देने के लिए ही वर्तमान सरकार हर स्तर पर काम कर रही है.

यमुना और खुली जल निकासी सुधार

रेखा गुप्ता ने यमुना नदी की सफाई पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि राजधानी के सभी बड़े नाले यमुना में मिलते हैं और उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद इन पर कार्रवाई शुरू की. उन्होंने साफ किया कि सफाई का काम एक दिन का नहीं है और यह 'युद्धस्तरीय' प्रयास पर जारी है.

सरकार ने उठाए कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में लकड़ी जलाने से रोकने के लिए हीटर दिए गए हैं और स्प्रिंकलर सिस्टम से राहत दी जा रही है. उन्होंने अफवाहों को खारिज किया कि AQI मॉनिटरिंग स्थलों के आसपास पानी छिड़का जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी कदम प्रदूषण नियंत्रण और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए जा रहे हैं.