छुट्टी के दिन सफ़ाई कर्मियों को ड्यूटी के बहाने बुलाकर रैली में भेजना सरकार और सत्ता का दुरुपयोग है- आतिशी
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली पर विवाद खड़ा हो गया है. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि रैली में भीड़ जुटाने के लिए एमसीडी के सफाईकर्मियों और शिक्षकों को छुट्टी के दिन जबरदस्ती बुलाकर बसों में भरकर भेजा गया. आप नेताओं ने कई वीडियो साझा कर भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग और गरीब दलित कर्मचारियों के अपमान का आरोप लगाया है. कर्मचारियों ने भी इसे गलत बताते हुए कहा कि छुट्टी के दिन उन्हें डरा-धमकाकर रैली में भेजना अमानवीय है.
रविवार को दिल्ली की सियासत में अचानक हलचल मच गई जब आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली पर बड़ा आरोप लगाया. पार्टी ने दावा किया कि भाजपा ने एमसीडी के सफाईकर्मियों और शिक्षकों को छुट्टी के दिन जबरदस्ती बुलाकर रैली में भेजा. आप नेताओं ने वीडियो जारी कर कहा कि यह सीधा-सीधा सत्ता का दुरुपयोग है और भाजपा अब सरकारी कर्मचारियों को भी अपनी रैली की भीड़ बनाने में इस्तेमाल कर रही है.
आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली की जनता रैली में नहीं गई तो भाजपा ने एमसीडी सरकार के कर्मचारियों पर दबाव डालकर उन्हें बसों में भरकर भेजा. उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिन कर्मचारियों की जिम्मेदारी शहर को साफ रखने की है.उन्हें राजनीति में झोंक दिया गया. आतिशी ने इसे भाजपा की "घटिया राजनीति" करार दिया और सवाल उठाया कि एमसीडी का काम क्या रैली की भीड़ बढ़ाना है.
डर और धमकी से भेजे गए कर्मचारी
वीडियो में कई सफाईकर्मियों ने खुलकर कहा कि उन्हें छुट्टी के दिन ड्यूटी के नाम पर बुलाया गया और बिना मर्जी रैली में भेज दिया गया. एक कर्मचारी ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और डिलीवरी का समय नजदीक है.लेकिन नौकरी से निकालने की धमकी देकर उसे बस में बैठा दिया गया. वहीं एक महिला कर्मचारी ने कहा कि जन्माष्टमी के व्रत के अगले दिन भी उसे आराम का मौका नहीं मिला और जबरन बुला लिया गया.
आप नेताओं का साझा मोर्चा
आतिशी के साथ-साथ जनकपुरी वार्ड के पार्षद प्रवीण कुमार.दरियागंज से पार्षद सारिका चौधरी और आप युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने भी भाजपा पर निशाना साधा. इन नेताओं ने कहा कि भाजपा की रैली में आम लोग जाने को तैयार नहीं थे.इसलिए सफाईकर्मियों.शिक्षकों और आशा वर्करों को बसों में भरकर ले जाया गया. नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास अब अपने कार्यकर्ता भी नहीं बचे.
कर्मचारियों का दर्द
कई कर्मचारियों ने कहा कि पूरे हफ्ते काम करने के बाद रविवार ही उनका एकमात्र छुट्टी का दिन होता है.जब वे घर का काम निपटाते हैं या आराम करते हैं. लेकिन इस बार उन्हें आराम का समय नहीं मिला. कर्मचारियों ने कहा कि यह कदम न केवल गलत है बल्कि अमानवीय भी है. उनका कहना था कि छुट्टी के दिन बिना हाजिरी लगाए उन्हें बुलाना कानून और नियम दोनों के खिलाफ है.
दलित कर्मचारियों का अपमान
आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि गरीब दलित सफाई कर्मचारियों का अपमान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इन कर्मचारियों से काम नहीं बल्कि राजनीति करवा रही है. ड्यूटी के नाम पर बुलाकर भीड़ बढ़ाने के लिए भेजना सीधा-सीधा सत्ता का दुरुपयोग है. आप नेताओं का कहना है कि भाजपा ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया है और अब सरकारी कर्मचारियों को अपनी राजनीति का साधन बना लिया है.
भाजपा के लिए बड़ा झटका
आम आदमी पार्टी का दावा है कि इस घटना ने भाजपा का असली चेहरा सामने ला दिया है. कर्मचारियों के वीडियो ने साबित कर दिया कि भीड़ जुटाने के लिए भाजपा ने जबरदस्ती का सहारा लिया. आप नेताओं ने कहा कि भाजपा अब इतनी कमजोर हो गई है कि उसे भीड़ जुटाने के लिए सरकारी कर्मचारियों की जरूरत पड़ रही है. उन्होंने मांग की कि एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार पर भी कार्रवाई की जाए.
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