आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दैनिक जागरण अखबार के खिलाफ मानहानि का नोटिस जारी किया है. एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने अखबार पर गलत खबर छापने का आरोप लगाया, जिसमें उन्हें 2018-19 में दिल्ली सरकार में मंत्री बताया गया. भारद्वाज ने इस मामले में उपराज्यपाल कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति पर भी सवाल उठाए और पत्रकारिता की जिम्मेदारी पर जोर दिया.
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 24 जून को उपराज्यपाल कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें कथित अस्पताल घोटाले की जांच की अनुमति देने की बात कही गई. इसके आधार पर दैनिक जागरण ने 25 जून को अपने पहले पन्ने पर खबर छापी, जिसमें दावा किया गया कि "1000 करोड़ के अस्पताल घोटाले मामले में पूर्व मंत्री भारद्वाज और जैन के खिलाफ एसीबी जांच होगी." अखबार ने यह भी लिखा कि 2018-19 में दोनों तत्कालीन मंत्रियों ने 5590 करोड़ रुपये की लागत वाली 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी.
दैनिक जागरण की खबर पर विवाद
भारद्वाज ने इस खबर को पूरी तरह गलत बताया. उन्होंने कहा, "दिल्ली के सभी पत्रकारों को यह अच्छी तरह पता है कि 2015 से 2020 के दिल्ली सरकार के कार्यकाल में मैं मंत्री नहीं था. फिर भी, दैनिक जागरण ने मुझे 2018-19 में मंत्री बताया." उन्होंने 26 जून को एक प्रेस विज्ञप्ति और सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए इस गलत खबर का खंडन किया था.
दोबारा गलत खबर छापने का आरोप
भारद्वाज ने दैनिक जागरण पर आरोप लगाया कि उनके खंडन के बावजूद, अखबार ने 27 जून को फिर से एक खबर छापी, जिसमें उन्हें तत्कालीन मंत्री बताया गया. इस बार यह खबर संपादक के नाम से प्रकाशित हुई. भारद्वाज ने प्रेस वार्ता में चेतावनी दी, "मेरे द्वारा यह साफ कर देने के बावजूद कि 2018-19 में मैं किसी मंत्री पद पर नहीं था, दैनिक जागरण ने दोबारा मेरे बारे में गलत खबर छापी. मेरा अखबार से अनुरोध है कि वह अपनी इस त्रुटि को स्वीकार करे और सुधार करे, अन्यथा मैं दैनिक जागरण पर मानहानि का मुकदमा करूंगा.
"पत्रकारिता पर सवाल
सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारिता की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि गलत खबरें न केवल एक व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि उनके परिवार को भी प्रभावित करती हैं. उन्होंने कहा, "मैं सभी पत्रकार बंधुओं को बताना चाहता हूं कि किसी पत्रकार या संपादक के खिलाफ इस तरह का मुकदमा करना हमें बिल्कुल अच्छा नहीं लगता. बड़े भारी मन से मैंने यह मानहानि नोटिस जारी किया है. लेकिन पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों को भी यह ध्यान रखना होगा कि जब कोई व्यक्ति राजनीति में पूरी ईमानदारी से काम करता है, तो उसमें बड़ा त्याग होता है. न केवल उस व्यक्ति का, बल्कि उसके पूरे परिवार का त्याग होता है."उन्होंने उपराज्यपाल कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति पर भी नाराजगी जताई, जिसमें 'घोटाला' शब्द का इस्तेमाल किया गया.
भारद्वाज ने कहा, "उपराज्यपाल महोदय को अपनी प्रेस विज्ञप्ति में 'घोटाला' शब्द के बजाय 'तथाकथित घोटाला' या 'आरोप' शब्द का उपयोग करना चाहिए था." उन्होंने उम्मीद जताई कि दैनिक जागरण अपनी गलती सुधारेगा.