'भीड़ तंत्र चल रहा है', छत्तीसगढ़ में केरल की ननों की गिरफ्तारी पर शशि थरूर का बीजेपी-आरएसएस पर निशाना
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया है. साय ने कहा कि नन नारायणपुर की तीन बेटियोंको नौकरी का लालच देकर उनका धर्मांतरण कराने की कोशिश कर रही थीं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने छत्तीसगढ़ में दो केरल ननों की गिरफ्तारी पर कड़ा ऐतराज जताया है. ननों पर मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप लगाए गए हैं. थरूर ने इसे "भीड़तंत्र" करार देते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि भीड़तंत्र चल रहा है, जहां निर्दोष लोगों को बिना किसी गलती के जेल में डाला जा रहा है. उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और सरकार को गुंडों को गिरफ्तार करना चाहिए, न कि ननों को."
राहुल गांधी ने लगाया अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का आरोप
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ननों की गिरफ्तारी को उनकी आस्था के कारण लक्षित करने का आरोप लगाया. अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण जेल में डाला गया - यह न्याय नहीं, बल्कि बीजेपी-आरएसएस का भीड़तंत्र है. यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है: इस शासन में अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न." राहुल ने तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग की. उन्होंने कहा, "यूडीएफ सांसदों ने आज संसद में विरोध प्रदर्शन किया. हम चुप नहीं रहेंगे. धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है."
छत्तीसगढ़ सीएम का जवाब
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया. उन्होंने कहा, "नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग प्रशिक्षण और नौकरी का लालच दिया गया. नारायणपुर के एक व्यक्ति ने उन्हें दुर्ग स्टेशन पर दो ननों को सौंपा, जो उन्हें आगरा ले जा रही थीं. मानव तस्करी के जरिए उनका धर्मांतरण करने की कोशिश की जा रही थी." साय ने इसे महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला बताया और कहा कि जांच जारी है. उन्होंने इसे राजनीतिक रंग देने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
केरल में व्यापक विरोध
केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई(एम)-एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस-यूडीएफ ने इस गिरफ्तारी के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किए. ननों, प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस, के साथ एक तीसरे व्यक्ति, सुकमन मंडावी, को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था. यह कार्रवाई एक स्थानीय बजरंग दल कार्यकर्ता की शिकायत पर हुई, जिसमें ननों पर नारायणपुर की तीन लड़कियों को तस्करी और जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया गया.