अबूझमाड़ में ₹37.5 लाख के 22 इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर, छत्तीसगढ़ पुलिस को मिली बड़ी सफलता
नारायणपुर के एसपी रॉबिन्सन गुरिया ने कहा, "नारायणपुर जिले में तैनात सभी पुलिस बल पिछले साल से आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए एक नरम रुख अपनाने के लिए संयुक्त प्रयास कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण नीति के अनुरूप, हम नक्सलियों तक सक्रिय रूप से पहुँच रहे हैं."

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अभुजमद क्षेत्र में शुक्रवार (11 जुलाई) को 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर एक बड़ा कदम उठाया है. इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर 37.5 लाख रुपये का इनाम घोषित था. यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ सरकार की नरम नीति और सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति का परिणाम माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य नक्सलियों को मुख्यधारा में लाना है.
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रॉबिन्सन गुरिया ने इस उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा, “पिछले साल से नारायणपुर जिले में तैनात सभी बलों ने संयुक्त रूप से आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए नरम रुख अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया है. छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण नीति के अनुरूप, हम सक्रिय रूप से नक्सलियों तक पहुंच रहे हैं.”उन्होंने बताया कि यह रणनीति नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करने पर केंद्रित है.
नक्सलवाद के खिलाफ सिक्योरिटी फोर्स ने चलाया अभियान
दरअसल, अभुजमद, जो घने जंगलों और दुर्गम इलाकों के लिए जाना जाता है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है. लेकिन सरकार और सुरक्षा बलों की सतत कोशिशों ने इस क्षेत्र में बदलाव लाना शुरू कर दिया है. आत्मसमर्पण नीति के तहत नक्सलियों को पुनर्वास, रोजगार के अवसर और सामाजिक सुरक्षा जैसे लाभ प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि वे हिंसा छोड़कर सामान्य जीवन जी सकें.
आत्मसमर्पण का क्या है महत्व?
इन 22 नक्सलियों का आत्मसमर्पण न केवल नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार की नीतियां और सुरक्षा बलों की मानवीय दृष्टिकोण प्रभावी साबित हो रहे हैं. यह कदम क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.



