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India Daily

'RJD में लौटने से अच्छा मौत चुनूंगा...', गुस्से में बोले तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को पीटीआई को दिए इंटरव्यू में साफ शब्दों में कह दिया कि वे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में लौटने को तैयार नहीं हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Tej Pratap Yadav
Courtesy: Social Media

पटना: बिहार की सियासत में लालू परिवार में मची खींचतान की चर्चा है. पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को पीटीआई को दिए इंटरव्यू में साफ शब्दों में कह दिया कि वे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में लौटने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने साफ कहा कि आरजेडी में वापस लौटने से बेहतर मौत को गले लगाना मंजूर है. 

कुछ महीनों पहले पिता लालू प्रसाद यादव द्वारा पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पहचान 'जनशक्ति जनता दल (जेजेडी)' बनाई है. अब वे इसी पार्टी के बैनर तले वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं वह सीट जहां से उन्होंने 2015 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था.

उन्होंने कहा कि वे तेजस्वी से नाराज नहीं हैं. वह मेरा छोटा भाई है, उसे मेरा आशीर्वाद हमेशा रहेगा. मैं उस पर सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता. तेज प्रताप ने कहा कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र में अपनी दादी मारीचिया देवी की तस्वीर लगाई थी. उन्होंने कहा, मेरे पिता को राजनीति में आशीर्वाद उन्हीं का मिला था. 

महुआ सीट से ठोक रहे ताल

तेज प्रताप का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है. महुआ आरजेडी का पारंपरिक गढ़ रहा है, जहां से वर्तमान विधायक मुकेश कुमार सौरभ हैं. तेज प्रताप की एंट्री से यहां त्रिकोणीय मुकाबला बन गया है, जो न केवल परिवारिक कलह को उजागर कर रहा है, बल्कि विपक्षी एकता पर भी सवाल खड़े कर रहा है. उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "मैं सत्ता की भूखी राजनीति का हिस्सा नहीं हूं. मेरे लिए सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि हैं. मैं जनता के हित में काम करता हूं, और जनता मुझ पर भरोसा करती है." तेज प्रताप ने दावा किया कि महुआ की धरती से उनका गहरा जुड़ाव है, और स्थानीय लोग उनके समय में समस्याओं के समाधान को याद करते हैं.

निष्कासन का दर्द और नई शुरुआत

तेज प्रताप को जून 2025 में आरजेडी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया था. कारण था एक फेसबुक पोस्ट, जिसमें उन्होंने निजी जीवन से जुड़े विवादास्पद बयान दिए थे. अनुष्का सिंह विवाह विवाद के बाद परिवार और पार्टी से दूरी बढ़ गई, जिसके बाद उन्होंने 'टीम तेज प्रताप' के रूप में शुरुआत की. सितंबर 2025 में उन्होंने औपचारिक रूप से जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) की स्थापना की, जिसका चुनाव चिह्न 'ब्लैक बोर्ड' है.