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'सपने में सीएम पद की शपथ लेते रहे', RJD के वरिष्ठ नेता ने ही खोल दी तेजस्वी की पोल, लालू को बताया धृतराष्ट्र

शिवानंद तिवारी ने राजद की चुनावी हार के लिए तेजस्वी यादव को जिम्मेदार बताया और कहा कि उन्होंने संघर्ष के बजाय मुख्यमंत्री बनने के सपने देखे. उन्होंने लालू यादव पर भी परिवारवादी राजनीति का आरोप लगाया। तिवारी के बयान से पार्टी में असंतोष और बढ़ गया है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Lalu Tejashvi & Shivanand India Daily
Courtesy: Social Media

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के लिए सीधे तौर पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराया है. रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने उनकी सलाह को नजरअंदाज किया और संघर्ष करने के बजाय सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते रहे.

'मेरी बात बुरी लगी, इसलिए पद से हटाया गया'

शिवानंद तिवारी ने कहा कि उन्होंने तेजस्वी को चेताया था कि मतदाता सूची में पुनरीक्षण लोकतंत्र के खिलाफ एक तरह की साजिश है. उन्होंने सुझाव दिया था कि तेजस्वी को राहुल गांधी के साथ मिलकर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना चाहिए, यदि जरूरत पड़े तो लाठी खानी चाहिए और जेल भी जाना चाहिए.
लेकिन तेजस्वी को यह बात बुरी लग गई और उन्होंने समझा कि मैं उनके सपने में बाधा डाल रहा हूं. इसके बाद ही मुझे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाया गया और कार्यकारिणी से भी बाहर कर दिया गया.

'धृतराष्ट्र की तरह सिंहासन गर्म करते रहे लालू'

शिवानंद तिवारी ने लालू प्रसाद यादव पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह अपने बेटे के लिए सत्ता की गद्दी गर्म कर रहे थे. उन्होंने जेपी आंदोलन के समय की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे और लालू फुलवारी शरीफ जेल में एक ही कमरे में बंद थे, तब लालू ने रात में अपनी आकांक्षाओं के बारे में बताया था. तिवारी के अनुसार, लालू ने कहा था कि बाबा, मैं राम लखन सिंह यादव जैसा नेता बनना चाहता हूं. शिवानंद के मुताबिक ऊपरवाले ने शायद उनकी बात सुन ली. आज हालात देखकर यही लगता है कि वह इच्छा पूरी हो गई है.

'परिवार ने जोर लगाया, फिर भी पार्टी 25 सीटों पर सिमट गई'

शिवानंद तिवारी ने कहा कि लालू परिवार ने पूरी ताकत लगा दी, लेकिन पार्टी सिर्फ 25 सीटें ही जीत सकी. उन्होंने कहा कि अब लालू परिवार में लगातार घमासान चल रहा है और पार्टी के भीतर भी असंतोष खुलकर सामने आने लगा है. तिवारी के अनुसार, पार्टी की हार और अंदरूनी कलह का मुख्य कारण नेतृत्व की कमजोरियां और जमीनी संघर्ष से दूरी है.

शिवानंद तिवारी के इन आरोपों ने राजद की आंतरिक राजनीति में हलचल मचा दी है, जबकि चुनावी हार के बाद पहले से ही पार्टी में असंतोष बढ़ा हुआ है.