menu-icon
India Daily

Bihar Election 2025: '...तो हम AIMIM के साथ हैं', बिहार चुनाव से पहले ओवैसी को मिला शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का समर्थन!

Bihar Election 2025: जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बिहार चुनाव को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि गौ रक्षा का मुद्दा उठाने वाला कोई भी राजनीतिक दल उनका साथी होगा, चाहे वह AIMIM ही क्यों न हो. उनका कहना है कि गौ माता किसी जाति, पंथ या पार्टी की नहीं, बल्कि पूरे भारत की पहचान हैं.

auth-image
Edited By: Babli Rautela
Bihar Election 2025
Courtesy: Social Media

Bihar Election 2025: रविवार को शिवहर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शंकराचार्य ने कहा, 'हम उसके साथ हैं जो गौ रक्षा की बात करेगा, चाहे वह कोई भी दल या संगठन क्यों न हो. अगर AIMIM भी गौ रक्षा की बात करेगी, तो हम AIMIM के साथ हैं.' उन्होंने यह साफ किया कि उनकी निष्ठा किसी राजनीतिक दल से नहीं, बल्कि गौ माता और सनातन धर्म से है. उनका मानना है कि गौ माता भारतीय संस्कृति, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण की आधारशिला हैं, और उनकी रक्षा करना पूरे राष्ट्र का कर्तव्य है.

शंकराचार्य ने कहा, 'गौ माता किसी जाति, पंथ या पार्टी की नहीं, बल्कि पूरे भारत की पहचान हैं. जो लोग हिंदू और हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगते हैं, वे अपने घोषणा पत्र में गौ रक्षा का मुद्दा क्यों नहीं शामिल करते? इससे परहेज क्यों है. जो गौ माता का नाम लेकर राजनीति करते हैं, वे वास्तव में गौ सेवा के लिए क्या कर रहे हैं, यह देश को जानना चाहिए.' यह बयान राज्य में बढ़ते राजनीतिक और सांस्कृतिक चर्चाओं के बीच आया है, और इसे कई मीडिया हाउसों ने प्रमुखता से कवर किया.

गौ रक्षा पर शंकराचार्य का बयान

शंकराचार्य ने शिवहर नगर परिषद के फैसले की भी सराहना की, जिसमें नगर परिषद ने ध्वनि मत से गौ माता को 'नगर माता' का दर्जा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा, 'शिवहर नगर परिषद ने जो कदम उठाया है, वह देशभर के नगर निकायों के लिए प्रेरणास्रोत है. लेकिन गौ रक्षा केवल घोषणाओं से नहीं, कर्म से होनी चाहिए.' इस बयान से साफ होता है कि उनका ध्यान सिर्फ राजनीतिक लाभ नहीं, बल्कि वास्तविक कार्य और संरक्षण पर है.

पहले भी किया था बड़ा ऐलान

इससे पहले, पटना में शंकराचार्य ने घोषणा की थी कि वे बिहार की सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे. सभी उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के बाद ही यह साफ किया जाएगा कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा. यह कदम राज्य की राजनीति में हाई-वोल्टेज सस्पेंस और चुनावी हलचल पैदा कर रहा है.