'बिहार चुनाव में हुई गड़बड़ी, लेकिन अभी इसके सबुत नहीं', करारी हार के बाद प्रशांत किशोर ने कह दी बड़ी बात

प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई परिणाम तर्कसंगत नहीं लगते और अदृश्य ताकतें सक्रिय थीं. उन्होंने NDA पर महिलाओं को नकद देने का आरोप लगाया और कहा कि ‘जंगल राज’ के डर ने जन समर्थन प्रभावित किया.

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Kanhaiya Kumar Jha

पटना: जन सुराज के संस्थापक और प्रसिद्ध चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की भारी हार के बाद पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है. एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि कई चुनाव परिणाम तार्किक रूप से असंगत लगते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि चुनाव प्रभावित हुए, हालांकि वर्तमान में उनके पास कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है.

PK ने परिणामों पर उठाए सवाल, कहा- 'जनता का समर्थन और नतीजों में अंतर'

प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की कई महीने लंबी पदयात्रा के दौरान उन्हें भारी जन समर्थन मिला था. ग्रामीण इलाकों से मिली प्रतिक्रियाएं बेहद सकारात्मक थीं, लेकिन मतपेटियों से निकले नतीजे इस जनभावना से बिल्कुल मेल नहीं खाए. उन्होंने कहा कि हमारे मन मुताबिक परिणाम नहीं आए. जितना समर्थन मिला, उतना वोट नहीं दिखा. जमीन पर जो देखा, वह परिणामों में कहीं नहीं दिखा. किशोर के अनुसार, यह अंतर चुनाव की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े करता है.

कई नतीजों पर जताई शंका, कहा- 'कुछ अदृश्य ताकतें सक्रिय थीं'

PK ने दावा किया कि कुछ सीटों पर बेहद अकल्पनीय परिणाम सामने आए. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी पार्टियों को लाखों वोट मिले जिन्हें लोग क्षेत्र में पहचानते तक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मुझसे कहा जा रहा है कि EVM पर सवाल करो, लेकिन मेरे पास कोई सबूत नहीं है. फिर भी कई चीजें फिट नहीं बैठतीं. पहली नजर में लगता है कि कुछ गलत हुआ, पर क्या हुआ, अभी नहीं कह सकता. उनका कहना है कि वोटिंग पैटर्न, ग्राउंड रिपोर्ट और अंतिम परिणामों में बड़ा फर्क इस संदेह को और गहरा करता है.

महिलाओं को 10,000 रुपये बांटने का गंभीर आरोप

किशोर ने NDA सरकार पर सबसे गंभीर आरोप महिलाओं को नकद देने का लगाया. उन्होंने कहा कि हजारों महिलाओं को 10,000 रुपये की पहली किस्त दी गई और यह सिलसिला चुनाव घोषित होने से लेकर मतदान के दिन तक चलता रहा.

PK ने बताया कि महिलाओं से कहा गया कि कुल 2 लाख रुपये मिलेंगे. 10,000 रुपये अभी, बाकी बाद में, बशर्ते वे NDA को वोट दें. ऐसी नकद वितरण योजना मैंने किसी भी राज्य में कभी नहीं देखी. उनका दावा है कि चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में इस कैश-डिस्ट्रिब्यूशन का बड़ा रोल रहा.

जंगल राज के डर का भी पड़ा असर: PK

प्रशांत किशोर ने यह भी स्वीकार किया कि अंतिम चरणों में मतदाताओं के बीच एक डर बैठ गया था कि यदि जन सुराज को वोट दिया और पार्टी बड़ी जीत न दर्ज कर सकी, तो कहीं जंगल राज की वापसी न हो जाए.

उन्होंने कहा कि कई जगह लोगों ने कहा कि अगर आपको वोट दिया और आप नहीं आए तो फिर जंगल राज लौट आएगा. इस डर ने भी नतीजों को प्रभावित किया. PK के अनुसार, यह धारणा कई सीटों पर निर्णायक साबित हुई.