छठ के तुरंत बाद हो बिहार चुनाव, राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से की मांग

सभी दलों ने अपनी मांग और सुझाव चुनाव आयोग के सामने रखी है. बीजेपी और आरजेडी दो चरणों में वोटिंग की डिमांड की है. बैठक में, सभी दलों ने मतदाताओं और उम्मीदवारों की सुविधा का हवाला देते हुए, एकमत से छठ पर्व के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराने का आग्रह किया.

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Gyanendra Sharma

Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है. भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शनिवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन बैठक की. आयोग ने भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत बातचीत की.

सभी दलों ने अपनी मांग और सुझाव चुनाव आयोग के सामने रखी है. बीजेपी और आरजेडी दो चरणों में वोटिंग की डिमांड की है. बैठक में, सभी दलों ने मतदाताओं और उम्मीदवारों की सुविधा का हवाला देते हुए, एकमत से छठ पर्व के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि लंबे समय तक चलने वाले चुनाव प्रचार और रसद संबंधी चुनौतियों के बोझ को कम करने के लिए मतदान कम से कम चरणों में कराया जाए.

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 6 अक्टूबर के बाद

अपने दौरे के दूसरे दिन आयोग राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेगा. चुनाव तैयारियों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होने की उम्मीद है. आयोग के सूत्रों के अनुसार, चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 6 अक्टूबर के बाद की जा सकती है.

पार्टी नेताओं के साथ बातचीत के दौरान, चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को "लोकतंत्र की नींव" बताया और उनसे चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया, जिसमें मतदान और मतगणना एजेंटों की नियुक्ति भी शामिल है. आयोग ने राजनीतिक दलों को मतदाताओं के साथ मिलकर उत्सवी माहौल में चुनाव मनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया.


राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आयोग का आभार व्यक्त किया और चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता में विश्वास व्यक्त किया. उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में उठाए गए कदमों का भी स्वागत किया, जैसे कि प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करना, यह सुनिश्चित करना कि डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम मतगणना के अंतिम चरण से पहले हो जाए, और पीठासीन अधिकारियों को मतदान केंद्र छोड़ने से पहले पार्टी एजेंटों को फॉर्म 17सी वितरित करने का निर्देश देना, जिससे समय पर और सटीक मतदान सुनिश्चित होगा.