'मिथिला बने बिहार से अलग राज्य...', राबड़ी देवी ने सदन में उठा दी मांग, देखें वीडियो
बिहार में अलग राज्य की मांग काफी पुरानी है. यह मांग देश की आजादी से पहले की है. साल 1912 में बिहार को बंगाल से अलग किया गया था, उस समय अलग मिथिला राज्य की मांग उठाई गई थी.

बिहार में अगल मिथिला राज्य की मांग तेज हो रही है. बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने विधान परिषद के शीतकालीन सत्र में अलग मिथिला क्षेत्र बनाने की मांग की. इससे राज्य का राजनीतिक पारा गरमा गया है. बुधवार को बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के दौरान राबड़ी देवी ने मिथिला राज्य बनाने की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों इसके लिए पीएम मोदी से बात करें.
पूर्व सीएम ने सदन के अंदर मैथिली भाषा पर चर्चा के दौरान ये मांग रखी. सदन में एमएलसी हरि सहनी संविधान को मैथिली भाषा में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दे रहे थे. हरि ने कहा कि अटल जी ने मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया था और अब पीएम मोदी ने मिथिल के लोगों को बड़ा सम्मान दिया है. इस दौरान राबड़ी देवी ने कहा क मैथिली भाषा को सम्मान देना अच्छा कदम है, लेकिन मिथिला राज्य भी बनना चाहिए. सदन से बाहर निकलने के बाद भी मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपनी बात को दोहराया.
मिथिला राज्य की मांग तेज
राबड़ी देवी ने कहा कि बीजेपी केंद्र और राज्य दोनों जगह सत्ता में है. ऐसे में अगर मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जा सकता है तो इसे अलग राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया जा सकता है. यह जनता की मांग है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. बता दें कि मैथिली भाषी लोग लंबे समय से अलग मैथिली राज्य की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर समय-समय पर कई आंदोलन भी हुए हैं.
बिहार में अलग राज्य की मांग काफी पुरानी है. यह मांग देश की आजादी से पहले की है. साल 1912 में बिहार को बंगाल से अलग किया गया था, उस समय अलग मिथिला राज्य की मांग उठाई गई थी. समय-समय पर ये मांग उठती रहती है. पिछले कुछ सालों में मिथिला राज्य की मांग ने जोर पकड़ लिया है. कई बार इसके लिए प्रदर्शन भी हो चुके हैं.