'मेरा झगड़ा भाई तेजस्वी यादव से, सौभाग्यशाली हूं कि ऐसे माता-पिता मिले', रोहिणी आचार्य ने रोते हुए सुनाई आपबीती-Video

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आरजेडी में कलह देखने को मिल रही है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणा आचार्य ने अपने भाई तेजस्वी यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

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Sagar Bhardwaj

बिहार चुनाव में राजद की करारी हार के बाद लालू यादव के परिवार में बढ़ते मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं. रविवार को रोहिणी आचार्य ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि उन्होंने सिर्फ अपने भाई को त्यागा है, न कि अपने माता-पिता को.

रोहिणी ने कहा कि उनके पिता लालू यादव हमेशा उनके साथ रहे हैं और उनके माता-पिता व बहनों ने उनके फैसलों में पूरा साथ दिया है. राजनीतिक हलकों में यह विवाद राजद की गिरती स्थिति के बीच और गंभीर माना जा रहा है.

केवल अपने भाई को त्यागा है

रोहिणी आचार्य ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा है, वह सच कहा है. उनके अनुसार परिवार में बलिदान की जिम्मेदारी भाइयों की होती है और वे केवल अपने भाई से दूरी बना रही हैं. उन्होंने नाम लेते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर तेजस्वी यादव, संजय यादव, राचेल यादव और रमीज से पूछा जाना चाहिए. उनका कहना है कि उनके पिता लालू यादव हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं.

माता-पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे

रोहिणी ने बताया कि शनिवार को उनके माता-पिता और बहनें उनके लिए रो रही थीं. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे माता-पिता मिले हैं जो हर परिस्थिति में उनके साथ रहते हैं. रोहिणी ने यह भी कहा कि वे मुंबई जा रही हैं, जहां उनके ससुरालवाले रहते हैं, और उनकी सास उनकी स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं.

तेजस्वी के करीबियों पर साधा निशाना

इससे पहले रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव और रमीज की वजह से उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने दावा किया कि परिवार में उन्हें “वंचित” कर दिया गया और यह उनकी सबसे बड़ी गलती थी कि उन्होंने सिंगापुर में पिता के लिए किडनी दान देने से पहले अपने पति या ससुराल से अनुमति नहीं ली.

बहन के समर्थन में उतरे तेज प्रताप

इस पूरे विवाद पर परिवार से केवल तेज प्रताप यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने रोहिणी का खुलकर समर्थन किया और कहा कि वे अपनी बहन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. तेज प्रताप के इस रुख को परिवार के भीतर बढ़ते तनाव का संकेत माना जा रहा है.

चुनावों में आरजेडी को मिली करारी हार

यह पारिवारिक विवाद उस समय उभर कर आया है जब राजद को हालिया चुनाव में करारी हार मिली है. बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी केवल 25 सीटें ही जीत सकी, जबकि 2015 और 2020 में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. राजनीतिक विशेषज्ञ इस विवाद को राजद के मनोबल और भविष्य की रणनीति पर बड़ा असर मान रहे हैं.