पटना: बिहार में नई सरकार के गठन से पहले स्पीकर पद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच खींचतान खुलकर सामने आ गई है. सूत्रों के अनुसार, दोनों दल स्पीकर पद पर अपना दावा ठोक रहे हैं और इसी कारण बैठकों के जरिए समाधान निकालने की कोशिशें जारी हैं. गठबंधन की सहमति बने, इसके लिए लगातार बातचीत हो रही है.
सूत्र बताते हैं कि जेडीयू चाहती है कि स्पीकर पद अगर बीजेपी को दिया जाता है, तो उसके बदले राज्य में केवल एक ही डिप्टी सीएम बनाया जाए. जेडीयू बीजेपी के दो डिप्टी सीएम वाले मॉडल को दोहराना नहीं चाहती. वर्तमान में एनडीए सरकार में दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा कार्यरत हैं, लेकिन नई सरकार में इस व्यवस्था पर फिर से विचार की जरूरत बताई जा रही है. जेडीयू नेतृत्व मानता है कि दो डिप्टी सीएम से प्रशासनिक तालमेल में चुनौतियां आती हैं.
बिहार में नई एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होना तय है. इसी तैयारी का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ गांधी मैदान पहुंचे.
अधिकारियों ने उन्हें मंच, सुरक्षा व्यवस्था, अतिथियों के बैठने की व्यवस्था और कार्यक्रम प्रबंधन संबंधी तैयारियों की जानकारी दी. शपथ ग्रहण को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए बड़े स्तर पर काम हो रहा है.
इस बीच, 19 नवंबर (बुधवार) का दिन बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. कल पार्टी के सभी विधायकों की बैठक पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में सुबह 10 बजे होगी. इस बैठक में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जो आगे चलकर उपमुख्यमंत्री या महत्वपूर्ण मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल सकता है.
बैठक के लिए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है. उनके पहुंचने के बाद विधायकों के बीच चर्चा और मतदान की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि स्पीकर पद पर कौन-सा दल दावा ठोकता है, उससे सरकार में शक्ति संतुलन काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगा. जेडीयू को लगता है कि स्पीकर पद बीजेपी के पास गया तो उसे डिप्टी सीएम पद कम से कम एक तक सीमित रखना चाहिए. दोनों दल इस मसले पर अंतिम सहमति बनाने में जुटे हैं, ताकि शपथ ग्रहण से पहले सभी पदों पर स्पष्टता आ जाए और सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ सके.