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इंसान के घर में हुआ एलियन का जन्म? बॉडी पर नहीं है स्किन, देखने के लिए लगी भारी भीड़

Alien or Child: पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर प्रखंड में एक अद्भुत घटना हुई है. यहां बुधवार को जन्मे एक बच्चे की शारीरिक बनावट इतनी अजीबोगरीब है कि डॉक्टर भी हैरान हैं. बच्चे की आंखें मांस से ढकी हुई हैं और उसके शरीर का अधिकांश हिस्सा एक सफेद पपड़ी जैसी चीज से ढका हुआ है.

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India Daily Live

Alien or Child: पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर प्रखंड में बुधवार को एक ऐसे बच्चे का जन्म हुआ जिसने सभी को हैरान कर दिया है. नवजात शिशु की शारीरिक बनावट इतनी अद्भुत है कि डॉक्टर भी हैरान हैं. बच्चे की आंखें मांस से ढकी हुई हैं, कान और नाक सहित शरीर का अधिकांश हिस्सा एक सफेद पदार्थ से ढका हुआ है और उसके मसूड़ों में दांत भी निकले हुए हैं.

क्या है डॉक्टरों की राय? जानें पूरा मामला

खटौरा गांव निवासी राजेश मुसहर की पत्नी रीमा देवी ने इस बच्चे को जन्म दिया. नवजात के शरीर पर एक सफेद मोटी पपड़ी है, उसके मसूड़ों में दांत हैं और आंखों की बनावट भी सामान्य से बहुत अलग है. बच्चे के इस अनोखे रूप को देखकर लोगों ने इसकी तुलना एलियन से कर दी.

रामनगर PHC के मेडिकल ऑफिसर, डॉ. चन्द्रभूषण के अनुसार, बच्चे में जन्मजात डिफॉर्मिटी के लक्षण हैं. इसे कन्जेनिटल डिफॉर्मिटी कहा जाता है. इस तरह की डिफॉर्मिटी बहुत ही दुर्लभ होती है. डॉक्टरों ने बच्चे को बेहतर इलाज के लिए बेतिया GMCH रेफर कर दिया है.

क्या हो सकती है वजह?

डॉक्टरों के मुताबिक, इस तरह की डिफॉर्मिटी के कई कारण हो सकते हैं. जैसे कि:

जेनेटिक समस्या: बच्चे के जीन में कोई खराबी होने के कारण भी इस तरह की डिफॉर्मिटी हो सकती है.
गर्भावस्था के दौरान मां की खराब सेहत: गर्भावस्था के दौरान मां को किसी प्रकार का संक्रमण या पोषण की कमी होने से भी बच्चे में जन्मजात डिफॉर्मिटी हो सकती है.
विकिरण का प्रभाव: यदि गर्भवती महिला किसी प्रकार के विकिरण के संपर्क में आई हो तो भी बच्चे में इस तरह की डिफॉर्मिटी हो सकती है.

अब क्या है इस बीमारी का इलाज?

इस तरह की डिफॉर्मिटी का इलाज काफी जटिल होता है. कई बार सर्जरी की आवश्यकता होती है. हालांकि, इलाज की सफलता बच्चे की डिफॉर्मिटी की गंभीरता पर निर्भर करती है.

समाज में चुनौतियां

इस तरह के बच्चों को समाज में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. लोगों के द्वारा उन्हें अजीब नजरों से देखा जाता है और उन्हें अलग-थलग किया जाता है. इसके अलावा, इन बच्चों को इलाज के लिए भी काफी पैसा खर्च करना पड़ता है.

इस बच्चे के मामले में, डॉक्टरों को बच्चे का कंपलीट टेस्ट करना चाहिए ताकि डिफॉर्मिटी के कारण का पता चल सके. इसके बाद ही इलाज की योजना बनाई जा सकती है. सरकार को भी ऐसे बच्चों के लिए बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए. साथ ही, समाज को भी इन बच्चों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए.