Bihar SIR: बिहार में SIR के बाद कितने वोटर्स को हटाया गया? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगी डिटेल

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. अदालत ने सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है. सुनवाई के दौरान, चुनाव आयोग ने कहा कि अब तक किसी भी मतदाता द्वारा कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की गई है.

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Gyanendra Sharma

Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग को बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान बाहर किए गए मतदाताओं का ब्यौरा 9 अक्टूबर तक प्रस्तुत करने को कहा. सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के एक दिन बाद आया है जो 6 नवंबर से शुरू होने वाला है.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. अदालत ने सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है. सुनवाई के दौरान, चुनाव आयोग ने कहा कि अब तक किसी भी  मतदाता द्वारा कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की गई है. अदालत ने चुनाव एजेंसी से हाल ही में संपन्न अंतिम मतदाता सूची से निकाले 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा.

अन्य राज्यों में एसआईआर कब?

शीर्ष अदालत का यह जवाब चुनाव आयोग से यह बताने के लिए कहा गया था कि वह पांच अन्य राज्यों में एसआईआर कब कराने की योजना बना रहा है. अदालत ने चुनाव आयोग से मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद 3.66 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने और 21 लाख नए मतदाता जोड़े जाने के संबंध में आंकड़े एकत्र करने और नोट तैयार करने को भी कहा.

चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को बिहार के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी की और 47 लाख नामों को बाहर कर दिया जो एसआईआर शुरू होने से पहले सूची में थे. कुल संख्या में से 3.66 लाख नामों को जांच के बाद अयोग्य पाए जाने पर हटा दिया गया.