बिहार के स्कूल बनेंगे हाई-टेक! फेस स्कैन से ली जाएगी अटेंडेंस, जानें क्या है नितीश का प्लान

बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार नए कदम उठा रहा है.राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों की पूरी अटेंडेंस सिस्टम को हाई-टेक बनाने की शुरुआत कर दी है. .

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Princy Sharma

नई दिल्ली:  बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार नए कदम उठा रहा है. अब बच्चों को बेहतर माहौल और मॉर्डन सुविधा देने की दिशा में एक बड़ा बदलाव किया गया है. राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों की पूरी अटेंडेंस सिस्टम को हाई-टेक बनाने की शुरुआत कर दी है. अब स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति एक खास मोबाइल ऐप बिहार अटेंडेंस ऐप के जरिए डिजीटल तरीके से ली जाएगी.

इस ऐप को बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल ने तैयार किया है और इसे एंट्रोलैब आईटी सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड ने विकसित किया है. सबसे खास बात यह है कि इस ऐप में अटेंडेंस सिर्फ एक बटन से नहीं बनेगी, बल्कि छात्रों के face recognition के जरिए उनकी उपस्थिति दर्ज होगी. यानी बच्चा स्कूल में फिजिकली मौजूद होना जरूरी है. अगर वह स्कूल कैंपस के बाहर होगा, तो ऐप अटेंडेंस बिल्कुल भी नहीं बना पाएगा. इससे फेक अटेंडेंस या प्रॉक्सी लगाने की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी.

टीचर्स के लिए अनिवार्य 

प्रॉजेक्ट कॉर्डिनेटर सोनम के अनुसार यह ऐप न सिर्फ स्टूडेंट्स बल्कि टीचर्स के लिए भी अनिवार्य होगा. अटेंडेंस शुरू करने से पहले संबंधित शिक्षक को भी अपना फेस अपलोड करना होगा. इससे पूरे सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और स्कूलों में नियमित उपस्थिति की आदत भी विकसित होगी. इसके साथ-साथ इस ऐप को e-Shiksha पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा, जिससे जिले के अधिकारी सीधे अपने ऑफिस से सभी स्कूलों की मॉनिटरिंग कर सकेंगे. इसी उद्देश्य से DEO ऑफिस में एक खास e-Shiksha Fund Office भी बनाया जा रहा है.

नए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम

शिक्षकों को इस नए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को समझाने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण आयोजित करने का आदेश दिया है. यह ट्रेनिंग एंट्रोलैब आईटी सॉल्यूशन्स ही प्रदान करेगी, ताकि हर स्कूल प्रिंसीपल और नोडल टीचर इस ऐप का इस्तेमाल आसानी से कर सकें. इसके लिए पूरे जिले में 2 और 3 दिसंबर को बड़े स्तर पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें कुल 4040 शिक्षक हिस्सा लेंगे. 

कैसे दी जाएगी ट्रेनिंग

पहले दिन यानी 2 दिसंबर को 7 क्षेत्रों के 875 स्कूलों के 1750 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी, और 3 दिसंबर को नौ क्षेत्रों के 1143 स्कूलों के 2286 शिक्षकों को trained किया जाएगा. स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर मयंक वरवाडे ने सभी DEOs को निर्देश दिया है कि वे ट्रेनिंग को समय पर और बिना किसी रुकावट के पूरा कराएं. ट्रेनिंग खत्म होते ही सभी टीचर्स को रोजाना स्टूडेंट्स की डिजिटल उपस्थिति दर्ज करनी होगी.