एक-एक करके सबकी बारी आएगी...बिहार में पप्पू यादव और कन्हैया कुमार का हुआ अपमान? संजय निरुपम ने लगाया आरोप
मूल रूप से बिहार के रहने वाले संजय निरुपम ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, आरजेडी के दबाव में कांग्रेस ने आज पप्पू यादव और कन्हैया कुमार की इज्जत सरेआम उतरवा दी.

9 जुलाई 2025 को केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा घोषित देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में बिहार में इंडिया गठबंधन ने चक्का जाम का आयोजन किया. इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, वाम दल, वीआईपी पार्टी और जन अधिकार पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने एकजुट होकर चुनाव आयोग के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान का विरोध किया. इस आंदोलन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पहली बार एक साथ सड़कों पर उतरे. हालांकि, इस प्रदर्शन के बीच एक विवाद ने सुर्खियां बटोरीं, जब कांग्रेस सांसद पप्पू यादव और नेता कन्हैया कुमार को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ रथ पर चढ़ने से रोक दिया गया. इस घटना को शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कांग्रेस के लिए अपमानजनक बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी.
मूल रूप से बिहार के रहने वाले संजय निरुपम ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, "आरजेडी के दबाव में कांग्रेस ने आज पप्पू यादव और कन्हैया कुमार की इज्जत सरेआम उतरवा दी. बिल्कुल उसी तरह, जैसे पिछले साल उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के दबाव में कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने मुझे प्रताड़ित किया था." उन्होंने कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पार्टी सहयोगी दलों के सामने पूरी तरह आत्मसमर्पण कर चुकी है. निरुपम ने आगे लिखा, "क्योंकि अधिकांश राज्यों में कांग्रेस की अपनी राजनीतिक जमीन समाप्त हो चुकी है, इसलिए अपने नेताओं को अपमानित करना अब इसकी नई परंपरा बन गई है. एक-एक करके सबकी बारी आएगी."
संजय निरुपम का बयान कांग्रेस के भीतर और गठबंधन की रणनीति पर सवाल उठाता है. बिहार में तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक इस पर स्पष्ट सहमति नहीं दी है. कन्हैया कुमार और पप्पू यादव जैसे नेताओं को महत्वपूर्ण मंचों से दूर रखने की घटना ने गठबंधन के भीतर नेतृत्व और समन्वय के मुद्दों को उजागर किया है.
क्या हुआ बिहार बंद में?
बिहार बंद के दौरान पटना में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक रथ पर सवार होकर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान कन्हैया कुमार जैसे ही रथ पर चढ़ने की कोशिश करने लगे, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. इसी तरह, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को भी रथ पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई. इस घटना ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया. कई लोगों ने इसे कांग्रेस और आरजेडी के बीच तनाव का प्रतीक बताया, जबकि कुछ ने इसे गठबंधन की रणनीति में असंतुलन का संकेत माना.