WTC Final: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में एक बार फिर से चोक करेगी साउथ अफ्रीका! कोच मार्क बाउचर ने किया बड़ा दावा

WTC Final: साउख अफ्रीका की क्रिकेट टीम अक्सर बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है. ऐसे में उन्हें चोकर्स का टैग दे दिया गया है. हालांकि, कोच मार्क बाउचर का मानना है कि टीम इस बार किसी को भी निराश नहीं करने वाली है.

Social Media
Praveen Kumar Mishra

WTC Final: साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम एक बार फिर से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंची है, जहां उनका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा. लेकिन क्या इस बार भी साउथ अफ्रीका को "चोकर्स" का टैग झेलना पड़ेगा? पूर्व कोच मार्क बाउचर ने इस बारे में बड़ा बयान दिया है. उनका मानना है कि यह नई टीम पुराने टैग से मुक्त होकर नई कहानी लिख सकती है. 

मार्क बाउचर, जो साउथ अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी और कोच रह चुके हैं, का कहना है कि अब समय आ गया है कि "चोकर्स" का टैग पीछे छोड़ा जाए. ईएसपीएनक्रिकइंफो से बात करते हुए बाउचर ने कहा कि यह युवा टीम पुरानी हार की जिम्मेदारी नहीं उठा सकती. हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के खिलाफ मिली हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को पुराने लेबल से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

मार्क बाउचर ने किया बड़ा दावा

बाउचर ने कहा, "हम एक ट्रॉफी के लिए खेल रहे हैं. लोग कह सकते हैं कि हम नहीं जीत सकते लेकिन टेस्ट क्रिकेट का माहौल अलग है. यह लंबे समय तक खेला जाता है और आपको बस बड़े मौकों पर जीत हासिल करनी होती है."

साउथ अफ्रीका की फाइनल तक की यात्रा

साउथ अफ्रीका ने वेस्टइंडीज और पाकिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करके WTC फाइनल में अपनी जगह पक्की की. कप्तान टेम्बा बावुमा की अगुवाई में यह टीम पहली बार ICC टेस्ट खिताब जीतने के लिए बेताब है. दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया की टीम भी पैट कमिंस की कप्तानी में भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतकर आत्मविश्वास से भरी है.

11 जून से शुरू होने वाला यह फाइनल साउथ अफ्रीका के लिए सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि अपनी नई पहचान बनाने का मौका है. यह टीम लंबे समय से व्हाइट-बॉल क्रिकेट में दबदबा दिखाती रही है, लेकिन अब टेस्ट क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ना चाहती है.

टाइटल डिफेंड करने के लिए मैदान पर उतरेगी ऑस्ट्रेलिया

बता दें कि पिछली बार ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था. ऐसे में एक बार फिर से ऑस्ट्रेलियाई टीम इस ट्रॉफी को डिफेंड करने के लिए मैदान पर उतरने वाली है.