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टेस्ट क्रिकेट से संन्यास क्यों लेना चाहते हैं विराट कोहली? जानें सबसे बड़ा कारण

Virat Kohli retire from Test Cricket: विराट कोहली को लेकर खबर सामने आ रही है कि वे टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर कोहली इस फॉर्मेट को अलविदा क्यों कहना चाहते हैं.

Virat Kohli
Courtesy: Social Media

Virat Kohli retire from Test Cricket: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा जताकर सभी को हैरान कर दिया है. रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ ही दिनों बाद कोहली का यह फैसला भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के लिए बड़ा झटका है. आखिर क्या कारण है कि कोहली, जो आधुनिक क्रिकेट के सबसे बड़े रन-स्कोरर हैं, टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहना चाहते हैं?

पिछले कुछ सालों में कोहली का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं रहा है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने पर्थ में पहला टेस्ट खेलते हुए नाबाद 100 रन बनाए लेकिन इसके बाद पूरी सीरीज में वह एक भी अर्धशतक नहीं बना सके. ऑस्ट्रेलिया में उनके बल्ले से केवल 23.75 की औसत से रन निकले. उनकी बल्लेबाजी में एकरूपता दिखी, जहां वह सात बार ऑफ-स्टंप के बाहर गेंद पर आउट हुए. 

विराट कोहली का निराशाजनक प्रदर्शन

पिछले पांच सालों में कोहली का टेस्ट औसत भी नीचे गया है. 2019 में कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ पिंक-बॉल टेस्ट में शतक बनाने के बाद से उन्होंने केवल दो शतक (2023 में अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 186 और 2024 में पर्थ में) बनाए. 37 टेस्ट में 1,990 रन और केवल तीन शतकों के साथ उनका प्रदर्शन उनके मानकों से कम रहा.

कोहली ने हाल ही में एक इवेंट में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी निराशा के बारे में खुलकर बात की थी. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि चार साल बाद मैं फिर से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेल पाऊंगा. पहले टेस्ट में अच्छा स्कोर करने के बाद मुझे लगा कि अब सीरीज में बड़ा प्रदर्शन होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुझे यह स्वीकार करना पड़ा कि यह दौर वैसा नहीं रहा जैसा मैं चाहता था." 

क्या है सबसे बड़ा कारण?

कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का सबसे बड़ा कारण उनका हालिया खराब फॉर्म और उससे उपजा मानसिक दबाव लगता है. वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमेशा खुद से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं. जब वह अपने मानकों पर खरे नहीं उतर पाते, तो यह उनके लिए मानसिक रूप से थकाऊ हो जाता है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लगातार असफलता और आलोचनाओं ने शायद उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि अब टेस्ट क्रिकेट में आगे बढ़ने की बजाय छोटे फॉर्मेट पर ध्यान देना बेहतर होगा.