सिडनी से लेकर ईडन गार्डन तक! वीवीएस लक्ष्मण के जन्मदिन पर जानें उनकी 5 ऐसी पारियां, जिसने बदला भारतीय क्रिकेट का भविष्य
भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का जन्म 1 नवंबर 1974 को हुआ था. वे आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं और इस मौके पर उनके द्वारा खेली गई टॉप-5 पारियों के बारे में बात करने वाले हैं.
नई दिल्ली: 1 नवंबर 1974 को भारतीय क्रिकेट को एक अनमोल रत्न मिला. वांगीपुरप्पू वेंकट साई लक्ष्मण, जिन्हें फैंस प्यार से 'वीवीएस' या 'वेरी वेरी स्पेशल' कहते हैं, ने अपने करियर में कई यादगार पारियां खेलीं. उन्होंने अपने करियर के दौरान हर बार संकट में टीम को संभाला.
134 टेस्ट मैचों में 8781 रन और 86 वनडे में 2338 रन बनाए. इनमें 17 टेस्ट शतक और 6 वनडे शतक शामिल हैं. आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी पांच ऐसी पारियां, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की दिशा बदल दी. ये पारियां सिर्फ रन नहीं बल्कि हार से जीत की कहानी हैं.
167 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2000)
ऑस्ट्रेलिया का दौरा भारतीय टीम के लिए मुश्किल था. पहले दो टेस्ट हारने के बाद सिडनी में तीसरा मैच खेला गया. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 552/5 बनाकर भारत को दबाव में डाला. भारत दूसरी पारी में ओपनिंग करने उतरे लक्ष्मण ने ग्लेन मैकग्राथ, ब्रेट ली और शेन वॉर्न जैसे गेंदबाजों की कड़ी परीक्षा ली. 167 रनों की पारी खेली, जो उनकी पहचान बनी.
281 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2001)
टेस्ट क्रिकेट की सबसे शानदार पारियों में शुमार. ईडन गार्डन में ऑस्ट्रेलिया ने 445 रन बनाए. भारत पहली पारी में 171 पर ढेर हो गया और फॉलोऑन झेला. लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया की 16वीं लगातार जीत पक्की है लेकिन लक्ष्मण ने राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर इतिहास रच दिया.
तीसरे नंबर पर उतरे और 281 रन ठोके. दोनों ने 376 रनों की साझेदारी की. भारत ने 657/7 पर पारी घोषित की. भारत ने मैच जीत लिया और ऑस्ट्रेलिया का अजेय रथ रोक दिया. यह पारी उस समय किसी भारतीय का टेस्ट में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था.
148 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2003)
ऑस्ट्रेलिया ने 556 रन बनाए. भारत 85 पर 4 विकेट खो चुका था. संकट में लक्ष्मण ने द्रविड़ के साथ 303 रनों की साझेदारी निभाई. भारत 523 तक पहुंचा. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 196 पर सिमट गया. भारत ने 233 रनों का लक्ष्य हासिल कर विदेशी सरजमीं पर लंबे समय बाद टेस्ट जीत दर्ज की. लक्ष्मण की 148 रनों की पारी ने टीम को मजबूती दी और आत्मविश्वास बढ़ाया.
178 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2004)
यह मैच सचिन तेंदुलकर की नाबाद 241 रनों के लिए मशहूर है, जहां उन्होंने ऑफ साइड पर कोई बाउंड्री नहीं मारी. हालांकि, दूसरे छोर पर लक्ष्मण ने कमाल किया. 178 रन बनाकर सचिन का पूरा साथ दिया. दोनों ने चौथे विकेट के लिए 353 रन जोड़े. भारत ने 705 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. लक्ष्मण की यह पारी टीमवर्क का बेहतरीन उदाहरण थी.
107 रन बनाम पाकिस्तान (2004, वनडे)
पाकिस्तान दौरा ऐतिहासिक था. वनडे सीरीज में दोनों टीमें बड़े स्कोर बना रही थीं. पांचवें मैच में भारत की पारी लड़खड़ाई. लक्ष्मण ने 107 रनों की पारी खेलकर स्कोर 293 तक पहुंचाया. भारत ने 40 रनों से मैच जीता और सीरीज 3-2 से अपने नाम की. यह लक्ष्मण का वनडे में यादगार शतक था. पाकिस्तान में भारत की यह जीत सीरीज की पहली थी और लक्ष्मण ने संकट में टीम को संभाला.
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