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Vijay hazare trophy: विराट कोहली ने लिस्ट ए में रचा इतिहास, अब सिर्फ 'क्रिकेट के भगवान' हैं आगे

विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली और आंध्र प्रदेश का मुकाबला जारी है. इम मुकाबले में दिल्ली के लिए खेलते हुए दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने एक रन बनाते ही इतिहास रच दिया है.

Anuj
Edited By: Anuj
 Virat Kohli created history in the Vijay Hazare Trophy

बेंगलुरु: विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली और आंध्र प्रदेश का मुकाबला जारी है. इम मुकाबले में दिल्ली के लिए खेलते हुए दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने एक रन बनाते ही इतिहास रच दिया है. विराट कोहली ने लिस्ट-ए क्रिकेट में 16,000 से अधिक रन बना लिए हैं. इसी के साथ उन्होंने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. विराट कोहली से पहले इस मुकाम तक केवल सचिन तेंदुलकर ही पहुंच पाए थे. 

विराट ने रचा इतिहास

आपको बता दें कि विराट ने अब तक 343 लिस्ट-ए मैचों में 16000 से अधिक रन बनाए हैं. इस दौरान उनका औसत 57 से ज्यादा का है. उनके नाम 57 शतक और 84 अर्धशतक दर्ज हैं, जो उनकी बल्लेबाजी की मजबूती को दिखाता है. इस मामले में विराट कोहली से आगे सिर्फ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ही हैं. सचिन ने लिस्ट ए में 21999 रन बनाए हैं. विराट कोहली ने सौरव गांगुली और रोहित शर्मा को पीछे छोड़ दिया है.

लिस्ट ए में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप-3 भारतीय बैटर

1. सचिन तेंदुलकर- 21999
2. विराट कोहली- 16000 से अधिक
3. सौरव गांगुली- 15622

दिल्ली की टीम का हिस्सा विराट

विजय हजारे ट्रॉफी के लिए विराट कोहली को दिल्ली की टीम में शामिल किया गया है. इस टीम की कप्तानी ऋषभ पंत के हाथों में है. माना जा रहा है कि विराट इस टूर्नामेंट में कम से कम दो मुकाबले खेल सकते हैं. उनकी मौजूदगी से दिल्ली की टीम को अनुभव और मजबूती दोनों मिलेगी.

15 साल बाद कोहली की वापसी

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने एक बार फिर घरेलू क्रिकेट में वापसी की हैं. करीब 15 साल के लंबे अंतराल के बाद वह विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में खेलते हुए नजर आए. टी-20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब विराट सिर्फ वनडे फॉर्मेट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. ऐसे में यह घरेलू टूर्नामेंट उनके लिए भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाली वनडे सीरीज से पहले अहम तैयारी का जरिया बनेगा.

युवा खिलाड़ियों को सीखने का मौका मिलेगा

विराट कोहली का यह फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की उस नीति के अनुरूप है, जिसमें राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को खाली समय में घरेलू टूर्नामेंट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इससे न सिर्फ खिलाड़ियों की फिटनेस बनी रहती है, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलने और सीखने का मौका मिलता है.


 

 

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