'दो हाथों के जादूगर' कौशिक मैती, भारतीय टीम को कराई प्रैक्टिस

कभी दाहिने हाथ से ऑफ-स्पिन, तो कभी बाएं हाथ से ऑर्थोडॉक्स स्पिन फेंकते कौशिक ने वैकल्पिक अभ्यास सत्र में बल्लेबाजों को चुनौती दी.

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Gyanendra Sharma

कोलकाता: भारत-दक्षिण अफ़्रीका टी-20 सीरीज़ के बीच ईडन गार्डन्स के नेट में मंगलवार को एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला. दक्षिण अफ़्रीकी ऑफ-स्पिनर साइमन हार्मर और लेफ़्ट-आर्म स्पिनर केशव महाराज की फिरकी से निपटने की तैयारी के लिए भारतीय बल्लेबाजों को जिस गेंदबाज की जरूरत थी वह कोई विदेशी नेट बॉलर नहीं बल्कि बंगाल का 26 साल का स्पिनर कौशिक मैती निकला जो दोनों हाथों से गेंदबाज़ी कर सकता है.

कभी दाहिने हाथ से ऑफ-स्पिन, तो कभी बाएं हाथ से ऑर्थोडॉक्स स्पिन फेंकते कौशिक ने वैकल्पिक अभ्यास सत्र में बल्लेबाज़ों को मैच जैसी वास्तविक चुनौती दी. बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को ऑफ-स्पिन और दाएं हाथ के बल्लेबाज़ को लेफ़्ट-आर्म स्पिन डालकर उन्होंने ठीक वैसा माहौल बनाया, जैसा सीरीज़ में हार्मर और महाराज बनाने वाले हैं.

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 7 मैच खेल चुके कौशिक मैती

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में बंगाल की तरफ से खेल चुके और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 7 मैच खेल चुके कौशिक मैती ने इस ख़ास मौक़े पर साई सुदर्शन, वॉशिंगटन सुंदर, रविंद्र जडेजा और देवदत्त पडिक्कल जैसे बल्लेबाज़ों को दाहिने हाथ की ऑफ-स्पिन डाली, जबकि विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ध्रुव जुरेल को बाएं हाथ की स्पिन से परेशान किया.

मेरा पहला अनुभव था-मैती

मैती ने बातचीत में कहा, “भारतीय टीम के नेट में गेंदबाज़ी करने का यह मेरा पहला अनुभव था. हां, ईडन गार्डन्स में आईपीएल की अलग-अलग फ़्रेंचाइज़ी के नेट सेशन में पहले भी गेंदबाज़ी कर चुका हूं, लेकिन टीम इंडिया के साथ यह अलग ही अनुभव था. मुख्य कोच गौतम गंभीर सर या गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मोर्कल सर की तरफ़ से कोई ख़ास निर्देश नहीं था. बस जो ज़रूरत थी, वही करने को कहा गया और मैंने अपना काम किया.”

प्रथम डिवीजन क्रिकेट में कालीघाट क्लब की तरफ़ से लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले कौशिक दोनों हाथों से गेंदबाज़ी करने की कला बचपन से ही सीखते आए हैं. स्थानीय क्रिकेट में वह अक्सर इसी ख़ूबी का इस्तेमाल करते हैं और अब उनकी यह कला राष्ट्रीय टीम के काम आ रही है.