नई दिल्ली: क्रिकेट में पिच की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. एक अच्छी पिच पर बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों को मौका मिलता है, जिससे मैच रोचक बनता है. लेकिन हाल ही में दो टेस्ट मैचों की पिचों पर काफी बहस हुई है.
एक तरफ ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) की पिच को खराब बताया गया, जबकि भारत के ईडन गार्डन्स की पिच को ठीक ठाक रेटिंग मिली. यह अंतर कई लोगों को अजीब लग रहा है.
नवंबर 2025 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया. यह मैच सिर्फ तीन दिन में खत्म हो गया. दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 30 रनों से हराया.
दोनों टीमों के स्कोर बहुत कम रहे दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 159 और दूसरी में 153 रन बनाए, जबकि भारत ने 189 और 93 रन ही बना सके.
पिच पर पहले दिन से ही तेज टर्न और असमान उछाल था. कुछ गेंदें नीची रहती थीं, तो कुछ अचानक ऊंची हो जाती थीं. गेंदबाजों का दबदबा रहा.
दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर साइमन हार्मर ने मैच में 8 विकेट लिए, जबकि भारत के जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा ने भी अच्छी गेंदबाजी की. मैच में सिर्फ एक अर्धशतक लगा, जो दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बवुमा ने बनाया.
आईसीसी के मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने ईडन गार्डन्स की पिच को 'संतोषजनक' रेटिंग दी. वहीं दूसरा टेस्ट गुवाहाटी में खेला गया, जिसकी पिच को 'बहुत अच्छी' बताया गया. दूसरी तरफ मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट सिर्फ दो दिन में खत्म हुआ.
वहां पहले दिन 20 विकेट गिरे और कोई बल्लेबाज अर्धशतक भी नहीं बना सका. मैच रेफरी जेफ क्रो ने एमसीजी की पिच को 'असंतोषजनक' करार दिया और स्टेडियम को एक डीमेरिट पॉइंट भी दिया. दोनों मैच जल्दी खत्म हुए, दोनों में बल्लेबाज संघर्ष करते दिखे लेकिन रेटिंग में इतना बड़ा फर्क क्यों? यह सवाल कई क्रिकेट प्रेमी पूछ रहे हैं.
मैच के बाद भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने पिच का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यह वही पिच थी जो टीम ने मांगी थी. इसमें कोई खराबी नहीं थी बल्कि यह तकनीक और मानसिक मजबूती की परीक्षा थी. अच्छा डिफेंस करने वाले बल्लेबाज रन बना सके.