हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या ने की बचपन के कोच की मदद, खास काम के लिए दिए थे 80 लाख रूपए

Hardik Pandya-Krunal Pandya: हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या ने अपने बचपन के कोच का हर कदम पर साथ दिया है. उन्होंने अपने कोच को 70-80 लाख रूपए की मदद की और उनके मां का इलााज भी कराया.

Social Media
Praveen Kumar Mishra

Hardik Pandya-Krunal Pandya: क्रिकेट के मैदान पर हार्दिक और क्रुणाल पांड्या की जोड़ी अपनी आक्रामकता और जुझारूपन के लिए जानी जाती है. लेकिन मैदान के बाहर ये दोनों भाई अपने नरम दिल और उदार स्वभाव के लिए भी पहचाने जाते हैं. हाल ही में यह बात सामने आई कि पांड्या बंधुओं ने अपने बचपन के कोच जितेंद्र सिंह की आर्थिक मदद की और उनके परिवार के लिए करीब 70-80 लाख रुपये की सहायता प्रदान की.

जितेंद्र सिंह, जो हार्दिक और क्रुणाल के बचपन के कोच रहे हैं उनके लिए सिर्फ एक मेंटर नहीं बल्कि परिवार के सदस्य जैसे हैं. जितेंद्र ने बताया कि पांड्या बंधुओं ने उनकी दोनों बहनों की शादी में खुलकर आर्थिक मदद की. साल 2018 में जितेंद्र की पहली बहन की शादी थी, जिसमें हार्दिक और क्रुणाल ने पैसे देकर समारोह को यादगार बनाया. इसके बाद फरवरी 2024 में उनकी दूसरी बहन की शादी में भी दोनों भाइयों ने 20 लाख रुपये की मदद की, साथ ही एक कार और कई अन्य उपहार भी दिए.

जितेंद्र सिंह ने दिया बड़ा बयान

जितेंद्र ने बताया, “हार्दिक ने कहा था, ‘आपकी बहन मेरी बहन है. जब भी शादी तय हो, मुझे बता देना.’ जब मैंने उन्हें शादी की तारीख बताई, तो उन्होंने बिना किसी चिंता के कहा, ‘सब ठीक कर देना, बाकी मैं देख लूंगा.

जितेंद्र ने एक और किस्सा साझा किया कि एक बार जब उनकी मां अचानक गंभीर रूप से बीमार पड़ गई थीं, तब हार्दिक को इसकी भनक लग गई. जितेंद्र ने इस बारे में हार्दिक को नहीं बताया था ताकि उनकी क्रिकेट पर ध्यान न भटके. लेकिन हार्दिक ने बड़ौदा लौटने पर जितेंद्र से सच्चाई जान ली. जितेंद्र ने कहा, “हार्दिक ने मुझसे कहा, ‘मेरे पास जो भी पैसा है, ले लो और मम्मी को ठीक कराओ.’ यह उनकी उदारता का पहला मौका था, जिसने मुझे भावुक कर दिया.” 

कोच को गिफ्ट की कार

पांड्या बंधुओं की दरियादिली यहीं नहीं रुकी. साल 2015-16 में ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटने के बाद हार्दिक ने अपने कोच को 5-6 लाख रुपये की एक कार गिफ्ट की. उस समय हार्दिक की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी फिर भी उन्होंने अपने कोच की सुरक्षा का ख्याल रखा. जितेंद्र ने बताया, “मैंने पहले कार लेने से मना कर दिया था लेकिन हार्दिक और क्रुणाल ने मुझे समझाया.