Asia Cup 2025 Controversy: भारत-पाकिस्तान के बीच टूर्नामेंट मैचों की व्यवस्था बंद..., एशिया कप विवाद के बाद एथर्टन ने ICC को दिए ये सुझाव
Asia Cup 2025 Controversy: पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल एथर्टन ने आईसीसी को सलाह दी है कि भारत-पाकिस्तान मैचों की योजना पर पुनर्विचार करें. एशिया कप 2025 में हुए तनावपूर्ण मुकाबलों के बाद यह सुझाव आया है. एथर्टन का कहना है कि अब क्रिकेट द्विपक्षीय तनाव का प्रतीक बन गया है और टूर्नामेंट आर्थिक लाभ के लिए न हों.
Asia Cup 2025 Controversy: पूर्व इंग्लैंड क्रिकेट कप्तान माइकल एथर्टन ने आईसीसी यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल को सलाह दी है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले टूर्नामेंट मैचों की व्यवस्था पर पुनर्विचार करे. यह सुझाव हाल ही में संपन्न हुए पुरुष एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण मुकाबलों के बाद आया है. एशिया कप 2025 में भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया, लेकिन इस टूर्नामेंट को खेल की बजाय विवादों के कारण याद किया जाएगा.
इस विवाद की शुरुआत 14 सितंबर को हुई थी, जब भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ हाथ नहीं मिलाया. इसके बाद सुपर 4 राउंड में पाकिस्तान के हरिस रऊफ, फहीम अशरफ और साहिबजादा फर्हान ने विवादित और विवादास्पद और भड़काऊ बयान दिए और इशारे किए. टूर्नामेंट का समापन भारत द्वारा पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी, जो एशियन क्रिकेट काउंसिल और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, उनसे ट्रॉफी स्वीकार न करने के साथ हुआ.
क्रिकेट बना तनाव का प्रतीक
एथर्टन का कहना है कि भले ही भारत-पाकिस्तान मैचों को आर्थिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्व दिया जाता रहा है, लेकिन अब इसे समाप्त करने का समय आ गया है. उन्होंने यह भी कहा कि दो देशों के बीच क्रिकेट संबंध अब 'व्यापक तनाव का प्रतीक' बन गए हैं. उन्होंने आईसीसी पर आर्थिक लाभ के लिए मैचों का आयोजन करने की आलोचना भी की.
भारत और पाकिस्तान के बीच खेल का महत्व
एथर्टन ने लिखा कि भारत और पाकिस्तान के बीच खेल का आर्थिक महत्व बहुत बड़ा है. ICC के टूर्नामेंटों के ब्रॉडकास्ट राइट्स 2023-27 के लिए लगभग 3 बिलियन डॉलर हैं, जिसमें भारत-पाकिस्तान मैचों का बड़ा योगदान है. हालांकि, द्विपक्षीय मैचों के महत्व में कमी आने के कारण, ICC के टूर्नामेंटों में यह मैच महत्वपूर्ण बने हुए हैं. उन्होंने आगे कहा, 'भविष्य में आईसीसी आयोजनों से पहले मैच ड्रॉ पारदर्शी होना चाहिए और अगर दोनों टीमें हर बार नहीं मिलतीं, तो ऐसा ही हो.'
राजनीतिक और सामाजिक तनाव
एथर्टन का मानना है कि क्रिकेट अब कूटनीति का माध्यम नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक तनाव का दर्पण बन गया है. उन्होंने कहा कि खेल को केवल आर्थिक लाभ के लिए किसी विशेष जोड़ी के मैचों के लिए आयोजित करना अनुचित है. उनका सुझाव है कि आईसीसी को फिक्स्चर तय करते समय पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए और दोनों देशों के बीच मैच हर बार जरूरी नहीं होना चाहिए.
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