2026 वर्ल्ड कप के लिए फीफा ने खोल दिया खजाना, 5500 करोड़ की बंपर प्राइज मनी का किया ऐलान

वर्ल्ड कप 2026 के लिए फीफा ने एक ऐतिहास फैसला लिया है. उन्होंने प्राइज मनी में बंपर बढ़ोत्तरी की है और अब टूर्नामेंट के लिए 5500 करोड़ की प्राइज मनी का ऐलान किया है.

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Praveen Kumar Mishra

नई दिल्ली: फीफा ने 2026 फीफा वर्ल्ड कप के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस टूर्नामेंट की कुल प्राइज मनी को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया गया है. 

अब विजेता टीम को 50 मिलियन डॉलर मिलेंगे, जो पिछले टूर्नामेंटों की तुलना में काफी ज्यादा है. यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब टूर्नामेंट के टिकटों की ऊंची कीमतों पर काफी आलोचना हो रही है.

कुल प्राइज मनी कितनी है?

फीफा ने 2026 वर्ल्ड कप के लिए कुल 655 मिलियन डॉलर की प्राइज मनी रखी है. यह 2022 कतर वर्ल्ड कप की 440 मिलियन डॉलर की प्राइज मनी से लगभग 50 प्रतिशत ज्यादा है. इस बार टूर्नामेंट में 48 टीमें खेलेंगी, जो पहले के 32 टीमों से ज्यादा हैं. सभी भाग लेने वाली टीमों को तैयारी के लिए अलग से 1.5 मिलियन डॉलर मिलेंगे, जिससे कुल वितरण 727 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाता है.

फीफा की कमाई भी रिकॉर्ड स्तर पर है. 2023 से 2026 तक की अवधि में फीफा को 13 बिलियन डॉलर की आय होने का अनुमान है, जो पहले के चक्र से काफी ज्यादा है.

टीमों को कितनी प्राइज मनी मिलेगी?

प्राइज मनी का बंटवारा टीमों के प्रदर्शन के आधार पर होगा. यहां सरल तरीके से समझें:हर भाग लेने वाली टीम को ग्रुप स्टेज में पहुंचने पर 9 मिलियन डॉलर मिलेंगे.

  • राउंड ऑफ 32 में पहुंचने पर 11 मिलियन डॉलर.
  • राउंड ऑफ 16 में 15 मिलियन डॉलर.
  • क्वार्टर फाइनल में 19 मिलियन डॉलर.
  • चौथे स्थान पर 27 मिलियन डॉलर.
  • तीसरे स्थान पर 29 मिलियन डॉलर.
  • रनर-अप टीम को 33 मिलियन डॉलर.
  • विजेता टीम को 50 मिलियन डॉलर.

महिला वर्ल्ड कप से तुलना

2023 महिला वर्ल्ड कप में कुल प्राइज मनी सिर्फ 110 मिलियन डॉलर थी, जो पुरुष वर्ल्ड कप से काफी कम है. फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फांतिनो ने वादा किया है कि अगले महिला वर्ल्ड कप (2027 में ब्राजील में) में पुरुष और महिला दोनों के लिए प्राइज मनी बराबर करने की कोशिश की जाएगी.

क्लब वर्ल्ड कप से क्यों कम?

इस साल हुए विस्तारित क्लब वर्ल्ड कप में चेल्सी को विजेता बनने पर 125 मिलियन डॉलर मिले. यह राशि 2026 वर्ल्ड कप विजेता से दोगुनी से ज्यादा है. फीफा का कहना है कि क्लब और नेशनल टीमों के लिए अलग-अलग नियम हैं क्योंकि क्लबों के खिलाड़ियों की सैलरी ज्यादा होती है. इसके अलावा, फीफा प्राइज मनी के अलावा फुटबॉल के विकास के लिए भी पैसा खर्च करता है.