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India Daily

देवदत्त पडिक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी में बल्ले से मचाई तबाही, 400 रन बनाकर खटखटाया टीम इंडिया का दरवाजा

कर्नाटक के युवा बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी में बल्ले से आग लगा दी है. उन्होंने 4 मैचों में 400 रन बनाकर टीम इंडिया की वनडे टीम का दरवाजा खटखटाया है.

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देवदत्त पडिक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी में बल्ले से मचाई तबाही, 400 रन बनाकर खटखटाया टीम इंडिया का दरवाजा
Courtesy: X

नई दिल्ली: कर्नाटक के युवा बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में शानदार फॉर्म में हैं. उन्होंने अब तक खेले गए मैचों में लगातार बड़े स्कोर बनाए हैं और अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया है. 

उनकी बल्लेबाजी से टीम इंडिया के चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा है, खासकर वनडे टीम के लिए. बता दें कि पडिक्कल लगातार बल्ले से रन बरसा रहे हैं और उन्हें टीम इंडिया से अधिक समय तक दूर नहीं रखा जा सकता है.

शानदार प्रदर्शन की शुरुआत

टूर्नामेंट की शुरुआत में ही देवदत्त ने झारखंड के खिलाफ बड़ा कमाल दिखाया. झारखंड ने 412 रन का विशाल स्कोर बनाया था, लेकिन देवदत्त की 147 रनों की पारी ने कर्नाटक को रिकॉर्ड चेज करने में मदद की. उन्होंने 118 गेंदों पर 10 चौके और 7 छक्के लगाए. यह पारी उनकी आक्रामकता और धैर्य दोनों को दिखाती है.

लगातार शतक जड़कर मचाया धमाल

अगले मैच में केरल के खिलाफ देवदत्त ने फिर शतक ठोका. उन्होंने 137 गेंदों पर 124 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल थे. इस पारी की बदौलत कर्नाटक ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया. 

इसके बाद पुडुचेरी के खिलाफ भी उन्होंने 116 गेंदों में 113 रन की संयमित पारी खेली. इन तीन शतकों से उन्होंने टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ी.

कुल रनों का रिकॉर्ड और औसत

चार मैचों में देवदत्त ने कुल 400 रन से ज्यादा बनाए हैं. उनका औसत 100 से ऊपर है, जो घरेलू क्रिकेट में किसी बल्लेबाज के लिए बेहद शानदार है. लिस्ट ए क्रिकेट में उनके कुल 12 शतक हो चुके हैं और वे बड़े स्कोर बनाने में माहिर हैं. कर्नाटक की टीम ने उनके दम पर कई मैच जीते हैं.

टीम इंडिया के लिए मजबूत दावा

देवदत्त पहले टेस्ट और टी20 में टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं लेकिन वनडे में अभी डेब्यू नहीं किया है. उनकी यह फॉर्म चयनकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर रही है. 

वनडे सीरीज आने वाली हैं और ओपनिंग या टॉप ऑर्डर में जगह के लिए वे मजबूत दावेदार बन गए हैं. उनकी लगातार अच्छी पारियां यह साबित करती हैं कि वे बड़े मौकों के लिए तैयार हैं. हालांकि, उन्हें फिलहाल वनडे टीम में जगह मिलनी मुश्किल दिखाई दे रही है.