छोटी आदत, बड़ा खतरा: नाक में उंगली डालने से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां
नाक में उंगली डालना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. शायद आप सोच रहे होंगे कि नाक में उंगली डालने से कोई गंभीर बीमारी कैसे हो सकती है. लेकिन विशेषज्ञ का कहना है कि नाक में उंगली डालना सिर्फ एक गंदी आदत नहीं है, बल्कि इस गंदी आदत से स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं.
आपने अक्सर मेट्रो, बस या सिनेमा घर में लोगों को नाक में उंगली डालते हुए देखा होगा. यह आदत न केवल दूसरों को गंदी लगती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकती है. शायद आप सोच रहे होंगे कि नाक में उंगली डालने से कोई गंभीर बीमारी कैसे हो सकती है. लेकिन विशेषज्ञ का कहना है कि नाक में उंगली डालना सिर्फ एक गंदी आदत नहीं है, बल्कि इस गंदी आदत से स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं.
1. नाक से खून आना और अंदरूनी चोट
नाक के अंदर की त्वचा बहुत नाजुक होती है. बार-बार उंगली डालने से यह त्वचा आसानी से छिल सकती है या फट सकती है, जिससे नाक से खून आ सकता है. यदि यह आदत लगातार बनी रहे, तो नाक के अंदर क्रोनिक सूजन और इरिटेशन की समस्या हो सकती है.
2. संक्रमण का खतरा बढ़ना
उंगली पर मौजूद बैक्टीरिया सीधे नाक में चले जाते हैं, जिससे कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं. जैसे-
1. नेजल वेस्टिबुलिटिस (Nasal vestibulitis)- यह नाक के अंदरूनी हिस्से का बैक्टीरियल संक्रमण होता है. इसके लक्षणों में नाक के आसपास लालिमा, सूजन, दर्द और पपड़ी जमना शामिल है.
2. फोड़े (Boils / Furuncle)- बार-बार नाक में उंगली डालने से बालों के रोम (hair follicles) में जलन और फोड़े बन सकते हैं.
3. सेप्टल एब्सेस (Septal abscess)- यह गंभीर स्थिति है, जिसमें नाक के बीच वाले हिस्से (सेप्टम) में मवाद जमा हो जाता है. इसके इलाज के लिए सर्जरी और एंटीबायोटिक दवा की आवश्यकता होती है. सर्दियों में हवा के सूखेपन की वजह से नाक का अंदरूनी हिस्सा फट जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है.
3. दिमाग तक बैक्टीरिया का पहुंचना
वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि कुछ बैक्टीरिया नाक और दिमाग को जोड़ने वाली घ्राण तंत्रिकाओं (olfactory nerves) के माध्यम से दिमाग तक पहुंच सकते हैं. जैसे- क्लैमाइडिया न्यूमोनिया नामक बैक्टीरिया नाक से दिमाग तक पहुंचकर अल्जाइमर जैसी समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है. यह बैक्टीरिया श्वसन संक्रमण का भी कारण बन सकता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) को प्रभावित कर सकता है.
4. एलर्जी और इरिटेशन बढ़ना
नाक में उंगली डालने की आदत से नाक के अंदर की ड्राईनेस और इरिटेशन बढ़ जाता है. इसके कारण नाक बंद होना, छींक आना और ज्यादा म्यूकस बनना जैसी समस्या हो सकती है.
5. आदत का बन जाना
कई बच्चों और बड़ों में यह आदत धीरे-धीरे बाध्यकारी (compulsive) बन जाती है. यह सामाजिक दृष्टि से भी असहज और शर्मनाक लगती है.
नाक में उंगली डालने की आदत कैसे छोड़ें?
नाक को नमी बनाए रखें, इसके लिए सलाइन नेजल स्प्रे का उपयोग करें.
घर में ह्यूमिडिफायर चलाएं, जिससे हवा में नमी बढ़े. नाक, गले और साइनस की समस्याओं में राहत मिले.
नाखून हमेशा छोटे और ट्रिम रखें.
अगर एलर्जी या नाक की सूखापन की समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लें.
डॉक्टर की सलाह
नाक में उंगली डालने की आदत सिर्फ गंदी आदत नहीं है, बल्कि इससे खून आना, संक्रमण, पुरानी जलन और यहां तक कि दिमागी स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. विशेषकर सर्दियों में, जब नाक का हिस्सा अधिक ड्राई होता है, तब यह आदत और भी जोखिम भरी हो जाती है. इसलिए इसे तुरंत छोड़ना और नाक की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है.
और पढ़ें
- 'मैं नर्वस हो गया था...', मेरठ में सुहागरात पर रात 12 बजे गायब हुए दूल्हे का खुलासा, 5 दिन बाद हरिद्वार में मिला
- 58,000 करोड़ का बैंक डिफॉल्ट, कौन-कौन सबसे बड़े भगोड़े? सरकार ने सदन में दी जानकारी
- मचान में प्रेमी के साथ विधवा को पकड़ा, जेठ और ससुर ने दोनों को बांधकर लगाई आग, जानें कहां हुई 'हैवानियत'