Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 में प्रयागराज एक बार फिर से आध्यात्म, संस्कृति और ऊर्जा का केंद्र बन गया है. करोड़ों लोग पवित्र संगम में डुबकी लगाने और इस ऐतिहासिक मेले का हिस्सा बनने यहां आएंगे. लेकिन प्रयागराज केवल अपने संगम तक सीमित नहीं है. यहां की ऐतिहासिक जगहें, स्वादिष्ट भोजन और खूबसूरत जगहें आपका दिल जीत लेंगी. आइए जानते हैं प्रयागराज की 7 खास जगहों के बारे में, जिन्हें इस महाकुंभ में जरूर घूमना चाहिए.
गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम इस शहर की पहचान है. सुबह के समय यहां की शांत लहरें और भक्तों के मंत्रोच्चार एक अद्भुत अनुभव देते हैं. ऐसे में रंग-बिरंगी नावों पर सवारी करना न भूलें. यहां आकर आपको शांत महसूस होगा.
1583 में अकबर द्वारा बनवाया गया इलाहाबाद किला संगम के पास स्थित है. यहां अशोक स्तंभ और सरस्वती कूप जैसे अद्भुत स्थल देखे जा सकते हैं. किले के अंदर अक्षय वट और पातालपुरी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं.
शाम की आरती में इन घाटों पर एक खास एनर्जी महसूस होती है. जलते हुए दीपक और भक्तिमय संगीत इस जगह को खास बनाते हैं. ऐसे में अगर महाकुंभ घूमने आ रहे हैं तो चाय की चुस्की लेते हुए यहां के माहौल का आनंद लें सकते हैं.
नेहरू परिवार का यह घर अब एक संग्रहालय (library) है. यहां आजादी के आंदोलन से जुड़ी कई चीजें और दस्तावेज देखे जा सकते हैं. इसके खूबसूरत बगीचे में घूमकर आप इतिहास को करीब से महसूस कर सकते हैं.
19वीं सदी का ऑल सेंट्स कैथेड्रल चर्च अपनी गॉथिक शैली, रंगीन कांच की खिड़कियों और ऊंची मीनारों के लिए मशहूर है. महाकुंभ के दौरान यह जगह शांति और सुंदरता का अनुभव कराती है.
खुसरो बाग, मुगल गार्डन खुसरो मिर्जा और शाही परिवार के अन्य सदस्यों की समाधियों के लिए जाना जाता है. हरे-भरे बगीचे और मुगल शैली की नक्काशी इसे देखने लायक बनाते हैं.
घूमने के बाद सिविल लाइंस में स्ट्रीट फूड का आनंद लें. गरमा-गरम कचौरी, मलाईदार कुल्फी और स्वादिष्ट मुगलई बिरयानी यहां की खासियत हैं. ठंडी लस्सी पीना न भूलें.