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किडनी की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी! अमेरिका के वैज्ञानिकों ने बनाई यूनिवर्सल डोनर किडनी

शोधकर्ताओं ने टाइप A डोनर किडनी से शुरुआत की और उसे टाइप O किडनी में बदलने के लिए विशेष एंजाइमों का इस्तेमाल किया. किडनी को एंजाइम्स से संशोधित किया गया जिसने A ब्लड टाइप के लिए जिम्मेदार एंटीजंस को काट दिया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
American scientists have created a universal donor kidney
Courtesy: unsplash

किडनी की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए वैज्ञानिकों ने बड़ी खुशखबरी दी है. अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जो A टाइप की किडनी को यूनिवर्सल डोनर किडनी टाइप O में बदल देगा. यह उपलब्धि ऑर्गन ट्रांसप्लांडेशन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है.

देश दुनिया में हजारों लाखों ऐसे मरीज हैं जो सही डोनर ना मिलने की वजह से लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं. अकेले अमेरिका में 90,000 से ज्यादा लोग किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं जिनमें से आधे O ब्लड टाइप हैं. यूनिवर्सल डोनर किडनी बनाकर डॉक्टर हजारों लोगों की जिंदगियां बचा सकते हैं और ट्रांसप्लांट के वेटिंग टाइम को कम कर सकते हैं. इससे किडनी डोनेशन और ट्रांसप्लांट मेडिसिन के क्षेत्र में एक नई क्रांति आने के आसार हैं.

किडनी ट्रांसप्लांट में ब्लड का प्रकार रखता है मायने

दरअसल, ब्लड का प्रकार यह निर्धारित करता है कि आपका शरीर किसी अंग को स्वीकार करता है या नहीं. यदि किसी को उसके ब्लड ग्रुप के इतर किडनी लगाई जाती है तो उसका शरीर उसे अस्वीकार कर सकता है. टाइप O किडनी को सार्वभौमिक डोनर कहा जाता है क्योंकि इसमें मेन एंटीजन होते हैं अर्थात इसे किसी को भी प्रत्यारोपित किया जा सकता है.

वहीं O ब्लड वाले मरीजों को अक्सर किडनी के लिए 2-4 वर्षों का इंतजार करना पड़ता है क्योंकि वे A, B, या AB प्रकार की किडनी स्वीकार नहीं कर सकते.

वैज्ञानिकों ने कैसे किया ये कारनामा

शोधकर्ताओं ने टाइप A डोनर किडनी से शुरुआत की और उसे टाइप O किडनी में बदलने के लिए विशेष एंजाइमों का इस्तेमाल किया. किडनी को एंजाइम्स से संशोधित किया गया जिसने A ब्लड टाइप के लिए जिम्मेदार एंटीजंस को काट दिया.

इस प्रक्रिया ने किडनी को प्रभावी रूप से साफ कर दिया और उसे O प्रकार की किडनी में बदल दिया. इस बदली हुई किडनी को टेस्ट के लिए ब्रेन डेड मरीज को लगाया गया.

क्या सफल रहा परीक्षण

दो दिन तक, यूनिवर्सल डोनर किडनी ने सामान्य रूप से काम किया. हालांकि तीसरे दिन कुछ एंटीजन वापस आ गए  और मरीज के इम्यून सिस्टम ने किडनी पर फिर से हमला शुरू कर दिया. इसका मतलब यह हुआ कि इस तकनीक ने काम तो किया लेकिन पूरी तरह से नहीं. हालांकि इसके बावजूद यह  प्रयोग भविष्य में किडनी ट्रांसप्लांट की तस्वीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.