Rajasthan Police Recruitment 2025: राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के पदों पर भर्ती के लिए एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है. यह भर्ती अभियान 10 अगस्त 2025 से शुरू होगा, जिसके लिए योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in या sso.rajasthan.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
आवेदन की अंतिम तिथि 8 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है. इस भर्ती के तहत कुल 1015 रिक्त पदों को भरा जाएगा, जो युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है. आरपीएससी इस भर्ती अभियान के माध्यम से राजस्थान पुलिस में विभिन्न श्रेणियों के तहत सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के पदों पर नियुक्तियां करेगा.
भर्ती का उद्देश्य और रिक्तियों का विवरण
सब-इंस्पेक्टर (एपी): 896 पद
सब-इंस्पेक्टर (एपी) सहरिया: 4 पद
सब-इंस्पेक्टर (एपी) अनुसूचित क्षेत्र: 25 पद
सब-इंस्पेक्टर (आईबी): 26 पद
प्लाटून कमांडर (आरएसी): 64 पद
कब से शुरू हो रही आवेदन प्रक्रिया?
उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना को ध्यानपूर्वक पढ़ें. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, और उम्मीदवार 10 अगस्त 2025 से rpsc.rajasthan.gov.in या राजस्थान के एकल साइन-ऑन (एसएसओ) पोर्टल sso.rajasthan.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 8 सितंबर 2025 है. समय पर आवेदन सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों को अंतिम तिथि का इंतजार करने से बचना चाहिए.
क्या होनी चाहिए उम्मीदवार को योग्यता?
इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार के पास भारत में किसी केंद्रीय या राज्य विधानमंडल द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री होनी चाहिए. इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम, 1956 की धारा 3 के तहत मान्यता प्राप्त किसी शैक्षणिक संस्थान से डिग्री धारक भी आवेदन कर सकते हैं. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे पात्रता मानदंडों की विस्तृत जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध अधिसूचना का अवलोकन करें.
आवेदन के लिए सुझाव
आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें: सुनिश्चित करें कि आप केवल rpsc.rajasthan.gov.in या sso.rajasthan.gov.in के माध्यम से आवेदन करें. आवेदन से पहले अपनी शैक्षिक योग्यता, पहचान पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें. अंतिम तिथि से पहले आवेदन प्रक्रिया पूरी करें ताकि तकनीकी समस्याओं से बचा जा सके.