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India Daily

'इजरायली सेना सोमालीलैंड में एंट्री तो जंग तय...', इजरायल के फैसले से भड़के हूतियों ने दी खुली धमकी

हूती विद्रोहियों ने इजरायल को चेतावनी दी है कि अगर उसकी सेना सोमालीलैंड में दाखिल हुई तो उसे सैन्य लक्ष्य बनाकर हमला किया जाएगा. इजरायल द्वारा सोमालीलैंड को मान्यता देने से क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है.

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
'इजरायली सेना सोमालीलैंड में एंट्री तो जंग तय...', इजरायल के फैसले से भड़के हूतियों ने दी खुली धमकी
Courtesy: @Megatron_ron x account

नई दिल्ली: यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों ने इजरायल को लेकर तीखा और आक्रामक रुख अपनाया है. हूती नेतृत्व ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायली सेना ने सोमालीलैंड में किसी भी तरह की सैन्य मौजूदगी दर्ज कराई तो उसके गंभीर और विनाशकारी परिणाम होंगे. हूतियों ने साफ कहा है कि सोमालीलैंड में इजरायली सेना या ठिकानों को सैन्य लक्ष्य माना जाएगा और उन पर सीधे हमले किए जाएंगे.

हूती आंदोलन के प्रमुख अब्दुलमलिक अल हूती ने अपने बयान में कहा कि इजरायल द्वारा सोमालीलैंड को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देना खतरनाक और उकसावे भरा कदम है. उन्होंने कहा कि यह फैसला न सिर्फ सोमालिया की संप्रभुता के खिलाफ है, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है. हूती प्रमुख के अनुसार सोमालीलैंड में इजरायली सेना की मौजूदगी को यमन और सोमालिया दोनों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई माना जाएगा.

हूती नेता ने क्या कहा?

हूती नेता ने कहा कि उनकी सशस्त्र सेनाएं सोमालीलैंड में किसी भी इजरायली गतिविधि पर नजर रखेंगी. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इजरायल ने वहां सैन्य ठिकाने या तैनाती की कोशिश की तो हूती बल उसे सीधे निशाना बनाएंगे. हूतियों ने इस कदम को लाल सागर और उसके आसपास के देशों की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया है.

सोमालिया से सोमालीलैंड कब हुआ था अलग?

सोमालीलैंड साल 1991 में सोमालिया से अलग हुआ था. यह क्षेत्र अदन की खाड़ी के पास रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है. सोमालीलैंड की अपनी सरकार, मुद्रा, पासपोर्ट और सुरक्षा बल हैं, लेकिन अब तक उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नहीं मिली थी. इजरायल पहला ऐसा देश है जिसने आधिकारिक तौर पर सोमालीलैंड को मान्यता देने का फैसला किया है.

क्या है इस फैसले की वजह?

इजरायल के इस फैसले का अरब और अफ्रीकी देशों के बड़े हिस्से ने विरोध किया है. क्षेत्रीय जानकारों का मानना है कि सोमालीलैंड से नजदीकी बढ़ाकर इजरायल लाल सागर क्षेत्र में अपनी रणनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहता है. इससे उसे यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में बढ़त मिल सकती है.

हूती-इजरायल के बीच कैसे हैं संबंध?

हूती पहले से ही गाजा युद्ध के बाद इजरायल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. अक्टूबर 2023 के बाद से हूतियों और इजरायल के बीच टकराव लगातार बढ़ा है. इजरायल द्वारा यमन में किए गए हवाई हमलों ने इस तनाव को और गहरा किया है. ऐसे में सोमालीलैंड को लेकर दी गई हूतियों की धमकी पश्चिम एशिया और अफ्रीकी क्षेत्र में नए तनाव का संकेत मानी जा रही है.